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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का पुर्तगाल में भव्य स्वागत, लिस्बन में ‘सिटी की ऑफ ऑनर' से किया गया सम्मानित

लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ से नवाजे जाने के लिए...
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का पुर्तगाल में भव्य स्वागत, लिस्बन में ‘सिटी की ऑफ ऑनर' से किया गया सम्मानित

लिस्बन के मेयर कार्लोस मोएदास ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ से नवाजे जाने के लिए आयोजित समारोह में उनका स्वागत करते हुए कहा, ‘‘नमस्कार! राष्ट्रपति महोदया। आपका लिस्बन में स्वागत है।’’

पुर्तगाल की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर पहुंचीं राष्ट्रपति को कैमारा म्युनिसिपल डी लिस्बोआ में सलामी गारद दिया गया।

उन्हें नोबल सैलून’ ले जाया गया, जहां उन्हें ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किए जाने के लिए समारोह आयोजित किया गया था तथा कक्ष वहां बसे भारतीयों से भरा हुआ था।

मोएदास ने कहा कि ‘सिटी की ऑफ ऑनर’ से नवाज़े जाने के साथ ही राष्ट्रपति मुर्मू लिस्बन की मानद नागरिक बन गई हैं।

अपने संबोधन की शुरुआत पारंपरिक पुर्तगाली अभिवादन ‘बोम डिया’ से करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों से चले आ रहे हैं और इन्होंने हमारे दैनिक जीवन पर अमिट छाप छोड़ी है।” उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय मामलों में जिम्मेदारी की साझा भावना हमें क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर स्वाभाविक साझेदार बनाती है।’

राष्ट्रपति ने कहा कि ‘पुर्तगाल यूरोपीय संघ के साथ-साथ लुसोफोन देशों, जहां पुर्तगाली आधिकारिक भाषा है, के साथ हमारे संबंधों को बढ़ावा देने में भारत का एक मूल्यवान साझेदार रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘पुर्तगाल में भी इस मजबूत सांस्कृतिक जुड़ाव का प्रमाण भारतीय कला, संस्कृति, भोजन, योग और आयुर्वेद की व्यापक लोकप्रियता में देखा जा सकता है।’

भारतीय प्रवासियों को ‘हमारे संबंधों की आधारशिला’ बताते हुए उन्होंने कहा कि वे पुर्तगाल के समाज और अर्थव्यवस्था में बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं।

इससे पहले अपने भाषण में मेयर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों को याद किया, जिन्होंने जी-20 के दौरान उपनिषदों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ (विश्व एक परिवार है) के सिद्धांत का हवाला दिया था। उन्होंने कहा, “ यह वाक्य सब कुछ बयां कर देता है। हमें सामाजिक विभाजन, हम बनाम वे, को नकारना चाहिए।”

पुर्तगाल में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 1,25,000 है, जिसमें 35,000 से अधिक भारतीय नागरिक और 90,000 भारतीय मूल के लोग शामिल हैं। इनमें से अधिकांश की जड़ें गुजरात और गोवा में हैं। पुर्तगाल की जनसंख्या लगभग एक करोड़ है।

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