तीर्थराज की पावन धरा महाकुंभ नगरी पर सोमवार यानी आज देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया। राष्ट्रपति मुर्मू ने संगम नोज में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
राष्ट्रपति शहर में आठ घंटे से अधिक समय बिताएंगी, इस आयोजन के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का अनुभव किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ, राष्ट्रपति मुर्मू अपना दिन त्रिवेणी संगम से शुरू किया। राष्ट्रपति ने गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम में आस्था की डुबकी लगाकर सनातन आस्था को मजबूत आधार दिया। देश की प्रथम नागरिक का संगम में पावन डुबकी लगाने का यह ऐतिहासिक क्षण रहा।
#WATCH प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई।#MahaKumbh2025 pic.twitter.com/2BKAN0KPLq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2025
'उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं'
प्रयागराज में पवित्र स्नान करने के बाद तेलंगाना के मंत्री और कांग्रेस नेता कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी ने कहा कि "...मैं यहां आकर धन्य महसूस कर रहा हूं। यह अवसर 144 साल बाद आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। भगदड़ में कुछ लोगों की मौत हो गई, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि उनकी आत्मा को शांति मिले..."।
#MahaKumbh2025 | Prayagraj, UP: After taking a holy dip, Telangana Minister and Congress leader Komatireddy Venkat Reddy says, "...I feel blessed to be here. This occasion has come after 144 years. The Uttar Pradesh government has made very good arrangements. Some people died in… pic.twitter.com/Zw9ewh5HlE
— ANI (@ANI) February 10, 2025
राष्ट्रपति ने संगम पर प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिवेणी संगम पर प्रवासी पक्षियों को दाना खिलाया। इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद हैं।
पवित्र स्नान के बाद, राष्ट्रपति सनातन संस्कृति में शाश्वत जीवन के प्रतीक, पूजनीय अक्षयवट वृक्ष के दर्शन करेंगी और पूजा-अर्चना करेंगी। यह वृक्ष हिंदू धर्म में एक गहरा स्थान रखता है, प्राचीन शास्त्रों में अमरता और दिव्य उपस्थिति के प्रतीक के रूप में इसका उल्लेख किया गया है। वह देश की समृद्धि और कल्याण के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रमुख बड़े हनुमान मंदिर भी जाएंगी।
बता दें कि इससे पहले भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने भी महाकुंभ में पावन स्नान किया था। इसके बाद धार्मिक आस्था को और अधिक मजबूती देने के लिए अक्षयवट का दर्शन-पूजन करेंगी। सनातन संस्कृति में अक्षयवट को अमरता का प्रतीक माना जाता है। यह हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थल है, जिसकी महत्ता पुराणों में भी वर्णित है।