उन्होंने कहा, भगवान ने प्रकृति को बनाया है, यूरिया को नहीं बनाया है। यूरिया को मानव ने बनाया है, इसलिए हमें :खेतों में: इसके उपयोग से बचना चाहिए।
भोपाल में आयोजित नदी जल पर्यावरण संरक्षण मंथन को संबोधित करते हुए दवे ने कहा, यह नितांत आवश्यक है कि खेती में रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को रोका जाये, क्योंकि यह मानव के आवश्यक अंगों जैसे गुर्दे एवं अन्य अंगों को अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है।
उन्होंने लोगों से आहवान किया कि वे नर्मदा नदी के आसपास वाले कम से कम एक लाख वर्ग किलोमीटर इलाके में खेती को रासायनिक उर्वरकों से मुक्त करने के लिए अभियान चलाये, ताकि रसायन से मुक्त अनाज अपने बच्चों को खिला सकें।
दवे खुद भी मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नदी नर्मदा के संरक्षण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा से जुड़े हैं।
नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा चलाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए केन्द्रीय राज्यमंत्री दवे ने कहा, यह मध्यप्रदेश की जीवनदायिनी नदी नर्मदा के संरक्षण के लिए जरूरी है। यह नदी गुजरात के लिए भी जल का बहुत बड़ा स्रोत है।
उन्होंने कहा, हिमालय से बर्फ पिघलने से गंगा नदी में साल भर जल बहता है, लेकिन इसके विपरीत नर्मदा नदी में पानी पहाड़ियों एवं इसके इर्द-गिर्द के वन इलाकों में लगे हुए पेड़ों की जड़ों से आता है। इसलिए यदि इन इलाकों का संरक्षण नहीं किया जाता है, तो यह नदी सूख सकती है, जिससे लोगों के लिए मुसीबत पैदा हो जाएगी।
इस मौके पर सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 मई को नमामि देवी नर्मदे-सेवा यात्रा के समापन समारोह में नर्मदा नदी के उद्गम स्थान अमरकंटक आ रहे हैं और इस दिन वह इस नदी के संरक्षण के लिए एक रोड़मैप जारी करेंगे।
चौहान ने कहा कि प्रदेश की अन्य नदियों के लिए भी ऐसे ही अभियान चलाये जायेंगे, ताकि उनका भी संरक्षण किया जा सके।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के मध्य क्षेत्रीय न्यायपीठ भोपाल के न्यायिक सदस्य दलीप सिंह, जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता राजेन्द्र सिंह एवं मशहूर बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्राफ ने भी सेमिनार को संबोधित किया। भाषा