अपनी अपील में प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत पीड़ा है। किसी भी समस्या का हल हिंसा के द्वारा नहीं निकाला जा सकता। लोकतंत्र में समाधान संयम और आपसी बातचीत से ही निकलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विवाद का हल कानून की परिधि में ही संभव है। कानून तोड़ना विकल्प नहीं है। पिछले दो दिन से जिस तरह की हिंसा और आगजनी हो रही है उसमें नुकसान किसी गरीब का ही हो रहा है, हमारे देश की ही संपत्ति का हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने आई विपरीत परिस्थितियों में, पूरे देश के लोगों की तरह, कर्नाटक और तमिलनाडु के लोगों ने हमेशा पूरी संवेदनशीलता का परिचय दिया है। उन्होने कहा कि मेरी कर्नाटक और तमिलनाडु की जनता से अपील है कि संवेदनशीलता दिखाने के साथ ही अपने नागरिक कर्तव्यों को भी याद रखें। मुझे भरोसा है कि आप राष्ट्रहित और राष्ट्रनिर्माण को सर्वोपरि समझेंगे और हिंसा, तोड़फोड़-आगजनी के बजाय संयम, सद्भावना और समाधान को प्राथमिकता देंगे।