तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले ढाई महीनों से आंदोलनरत किसानों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच आज हरियाणा के चरखी दादरी में हजारों किसान आज जुट रहे हैं। यहां किसानों की महापंचायत को किसान नेता राकेश टिकैत संबोधित करेंगे। वहीं इससे पहले राकैश टिकैत ने शनिवार को देशभर के किसानों से ‘‘ट्रैक्टर क्रांति'' में शामिल होने का आह्वान किया है। उनका कहना है कि हाल ही में दिल्ली में 20,000 ट्रैक्टर थे, अगला लक्ष्य इस संख्या को 40 लाख करना है।
शनिवार को गाजीपुर प्रदर्शनस्थल पर टिकैत ने समर्थकों को संबोधित करने के दौरान किसान समुदाय से संपर्क साधने की कोशिश की, जिनमें से अधिकतर, खासकर दिल्ली-एनसीआर, के किसान दस साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर समेत डीज़ल से चलने वाली गाड़ियों पर प्रतिबंध के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के फैसले से नाखुश हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता टिकैत ने कहा, “जो ट्रैक्टर खेतों में चलते हैं, वे अब दिल्ली में एनजीटी के कार्यालय में भी चलेंगे। हाल तक, वे नहीं पूछते थे कि कौन सा वाहन 10 साल पुराना है। उनकी आखिर योजना क्या है? 10 वर्ष से अधिक पुराने ट्रैक्टरों को हटाना और कॉरपोरेट की सहायता करना ? मगर 10 साल से अधिक पुराने ट्रैक्टर चलेंगे और (केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ) आंदोलन भी मजबूत करेंगे “
उन्होंने कहा कि विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के आंदोलन में देश भर के अधिक से अधिक किसान भाग लेंगे। हाल ही में दिल्ली में 20,000 ट्रैक्टर थे, अगला लक्ष्य इस तादाद को 40 लाख करना है। उन्होंने ट्रैक्टर मालिकों से अपने वाहनों को ''ट्रैक्टर क्रांति'' से जोड़ने का आह्वान किया। टिकैत ने कहा, '' अपने ट्रैक्टर पर 'ट्रैक्टर क्रांति 2021, 26 जनवरी' लिखिए। आप जहां भी जाएंगे, आपका सम्मान किया जाएगा।''