अगर सार्थक सुझाव आते हैं, तो आने दीजिए, तब हम विचार करेंगे। उनसे सवाल किया गया था कि क्या सरकार भूमि विधेयक में और संशोधन करने के लिए तैयार है? इससे पहले उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में इस बात को स्वीकार नहीं किया कि विपक्ष के पुरजोर विरोध के कारण विधेयक पर गतिरोध बना हुआ है। नायडू ने कहा, कोई गतिरोध नहीं है। हमारे पास (राज्यसभा में) संख्या नहीं है, लेकिन कोयला विधेयक पारित किया गया, खदान एवं खनिज विधेयक उसी राज्यसभा में पारित किया गया।
मंत्री ने कहा, लोकसभा में सरकार की ओर से (भूमि विधेयक) नौ संशोधन लाए गए। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। हमने एकतरफा कुछ नहीं किया है। हमने विस्तृत विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा, वे (कांग्रेस और भूमि विधेयक का विरोध कर रहा विपक्ष) विकास नहीं चाहते हैं। वे सरकार के लिए अच्छाई नहीं चाहते हैं। वे चाहते हैं कि विकास के लिए इंतजार को बढ़ाया जाए। हम तैयार नहीं हैं। हम कुछ करना चाहते हैं। हम भूमि विधेयक पर नतीजों का सामना करने के लिए तैयार हैं। जनता का साथ मिलने का विश्वास प्रकट करते हुए नायडू ने कहा कि सरकार लोकसभा में फिर से यह विधेयक लेकर आएगी।