आरएसएस ने साथ ही राज्य की ममता बनर्जी सरकार पर अपनी मुस्लिम वोटबैंक राजनीति के चलते राष्ट्र विरोधी तत्वों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। आरएसएस के निर्णय करने वाले शीर्ष निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की तीन दिवसीय बैठक में पारित प्रस्ताव में चरमपंथी हिंसा की भी निंदा की गई। आरएसएस के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने बैठक में चर्चा के बाद संवाददाताओं से कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की कम होती जनसंख्या देश की एकता एवं अखंडता के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
प्रस्ताव में कहा गया एबीपीएस चरमपंथी हिंसा और राज्य सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण नीति की निंदा करती है और देशवासियों का आह्वान करती है कि वे जेहादी हिंसा और राज्य सरकार की साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ जागरूकता उत्पन्न करें। होसबोले ने कहा कि बंटवारे के बाद पूर्वी पाकिस्तान से हिंदुओं को पश्चिम बंगाल में शरण लेने के लिए बाध्य किया गया। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि इतने बड़े पैमाने पर प्रवेश के बावजूद राज्य की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार गिरकर 70.54 प्रतिशत पर आ गई जो कि 1951 में 78.45 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि बैठक राज्य सरकार का भी आह्वान करती है कि वह क्षुद्र वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठे और अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन करे।