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सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा हाईब्रीड मोड में कराने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सीबीएसई और आईसीएसई की दसवीं और बारहवीं परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईब्रिड परीक्षा कराने से...
सीबीएसई और आईसीएसई परीक्षा हाईब्रीड मोड में कराने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सीबीएसई और आईसीएसई की दसवीं और बारहवीं परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईब्रिड परीक्षा कराने से इनकार कर दिया है। परीक्षा मोड में बदलाव नहीं होगा। परीक्षा केवल ऑफलाइन मोड में होगी। कोर्ट ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं पहले ही शुरू हो गई हैं, ऐसे में पूरी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना और उसमें बाधा डालना उचित नहीं है।

कोर्ट ने कहा कि परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। इस स्तर पर परीक्षा में खलल डालना उचित नहीं होगा। सरकार द्वारा पहले से ही कोविड एहतियाती उपाय उठाए जा रहे हैं। परीक्षा केंद्र 6,500 से बढ़ाकर 15,000 किए गए हैं। परीक्षा की अवधि 3 घंटे से घटाकर 1.5 घंटे की गई है, यदि कोविड उपायों में कोई कमी है तो उसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए। उसे विश्वास है कि अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी सावधानी बरतेंगे कि छात्रों और कर्मचारियों को किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति का सामना न करना पड़े।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ न करें। अधिकारी अपना काम अच्छे से करें। अब बहुत देर हो चुकी है। इस आखिरी मिनट के कामकाज को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। इतने अराजक तरीके से 34 लाख बच्चों की परीक्षा कराना संभव नहीं।

दरअसल, कुछ छात्रों ने केवल ऑफलाइन मोड के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। छात्रों ने ऑनलाइन परीक्षा का विकल्प भी मांगा  है। दसवीं और बारहवीं कक्षा के 6 छात्रों ने याचिका दाखिल की है। हाइब्रिड तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए तत्काल निर्देश की मांग की है। सीबीएसई की परीक्षाएं 16 नवंबर से शुरू हो चुकी हैं। आईसीएई परीक्षा 22 नवंबर से शुरू होगी। याचिका में कहा गया है ऑफलाइन परीक्षा से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ जाएगा। ये स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन है। बिना विकल्प दिए सहमति प्राप्त करना मनमाना और अवैध है। हाइब्रिड मोड समय की मांग है। सोशल डिस्टेंसिंग को बेहतर बनाता है। लॉजिस्टिक बाधाओं पर बोझ कम करता है।

याचिका में कहा गया है कि दिसंबर 2021 में प्रमुख विषयों की परीक्षा तीन सप्ताह तक चलेगी। इससे संक्रमण के जोखिम में होंगे। बाद की परीक्षाओं पर प्रभाव को लेकर बड़ी आशंका में हैं। दिसंबर 2021 में प्रमुख विषयों की परीक्षा से पहले नवंबर 2021 में फिजिकल मोड में अन्य विषयों की परीक्षाएं हैं। कई छात्रों ने बताया है कि गलत बयानी और जबरदस्ती का सहारा लेकर सहमति हासिल की जा रही है।

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