सुप्रीम कोर्ट ने 'जूम' ऐप को बैन करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने केंद्र से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर ‘जूम' ऐप को बैन करने की मांग की गई थी जिसपर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस एस ए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने शुक्रवार को सुनवाई की। याचिकाकर्ता हर्ष चुघ ने दायर याचिका में मांग करते हुए कहा कि ऑफिसियल और व्यक्तिगत स्तर पर 'जूम' के इस्तेमाल को लेकर कोर्ट एक उचित कानून बनाने का निर्देश दे। याचिकाकर्ता ने कहा कि इससे गोपनियता को गंभीर खतरा है। यूजर्स साइबर क्राइम के कुचक्र में फंस सकते हैं।
चार सप्ताह में केंद्र से मांगा जवाब
चीफ जस्टिस बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले की सुनवाई वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की, जिसमें बोबड़े के अलावा जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हृषिकेश रॉय भी शामिल हुए। कोर्ट ने केंद्र से चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
'ऐप ने करोड़ों लोगों की निजता का हनन किया'
याचिकाकर्ता की तरफ से दलील रखते हुए एडवोकेट वजीह शफीक कहा कि इस ऐप के निरंतर उपयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा दांव पर लग सकती है और भारत में साइबर खतरे बढ़ सकते हैं। इससे साइबर क्राइम की संख्या में भी इजाफा हो सकता है। आगे दलील में कहा गया कि लोगों को जरूरत के हिसाब से सेवा मुहैया कराने की बजाय जूम ऐप ने अपने करोड़ों उपयोगकर्ताओं की निजता का दुरुपयोग किया है और निजी जानकारी को हासिल कर यूजर्स का शोषण किया है। ऐप ने भ्रामक विज्ञापन के जरिए इसका लाभ उठाया है।
'सीईआरटी-ईन की चेतावनी के बाद भी नहीं हुआ बैन'
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया है कि नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-ईन) ने भी जूम उपयोगकर्ताओं को साइबर जोखिमों को लेकर बीते महीने चेतावनी दी। गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं के कारण दुनियाभर के कई देशों ने जूम ऐप के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लॉकडाउन में जूम ऐप के इस्तेमाल में हुआ इजाफा
लॉकडाउन की वजह से कई तरह के व्यवसायिक काम-काज घर से किए जा रहे हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सरकारी और निजी संस्थान जूम ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन इसमें गोपनीयता को लेकर खतरा बताया गया है जिसके बाद दुनिया के कई देशों ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारत सरकार ने भी बीते महीने सुरक्षा को देखते हुए नोटिस जारी कर कई चेतावनी दी थी।