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रॉ, आईबी, ईडी समेत 10 सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को होगा सभी कंप्यूटरों की जांच का अधिकार

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने रॉ,आईबी और ईडी समेत 10 केन्द्रीय एजेंसियों को देश में चल रहे किसी भी कंप्यूटर...
रॉ, आईबी, ईडी समेत 10 सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों को होगा सभी कंप्यूटरों की जांच का अधिकार

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने रॉ,आईबी और ईडी समेत 10 केन्द्रीय एजेंसियों को देश में चल रहे किसी भी कंप्यूटर के डेटा को जांचने का अधिकार दे दिया है। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक देश की ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकता है।

केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 के तहत ये एजेंसियों को किसी भी संस्थान या व्यक्ति के कंप्यूटरों में मौजूद सामग्रियों को जांच सकती हैं और उन पर कार्रवाई कर सकती हैं।  समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बृहस्पतिवार को गृह सचिव राजीव गाबा की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि सूचना एवं तकनीकी नियमों के मुताबिक एजेंसियों को जांचने का अधिकार है।

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर को जांचने या निगरानी करने  की मंजूरी दी गई है।

1984 में आपका स्वागत है

केन्द्र सरकार के इस फैसले पर अब सियासत भी शुरु हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने महज एक सामान्य से सरकारी आदेश के जरिए देश में सभी कंप्यूटर की जासूसी का आदेश दे दिया है। ओवैसी ने कहा कि क्या केन्द्र सरकार इस फैसले से ‘घर-घर मोदी’ का अपना वादा निभा रही है। इसके साथ ही ओवैसी ने कहा कि 1984 में आपका स्वागत है।

इस मामले पर पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा, 'मैंने मामला नहीं पढ़ा है लेकिन यदि कोई कंप्यूटरों की निगरानी करेगा तो यह ऑरवेलियन स्थिति (एक ऐसी परिस्थिति जिसे जॉर्ज ऑरवेल ने स्वतंत्र समाज के लिए विनाशकारक बताया था) होगी।' 

कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि एजेंसियों को फोन कॉल और कंप्यूटर को बिना किसी चेक एंड बैलेंस के जासूसी करने के लिए व्यापक शक्ति देना बेहद सोचनीय है। इसके दुरुपयोग होने की संभावना है।

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