Advertisement

अलगाववादी मसर्रत आलम गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर में पीडीपी नीत सरकार ने गठबंधन सहयोगी भाजपा के दबाव में शुक्रवार को अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को यहां बुधवार को आयोजित एक रैली के दौरान पाकिस्तानी ध्वज लहराने के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया।
अलगाववादी मसर्रत आलम गिरफ्तार

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा भट को बुधवार को एक रैली में उकसाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने के सिलसिले में बडगाम पुलिस थाने में दर्ज मामले में गिरफ्तार किया गया है। अधिकारी ने बताया कि 45 वर्षीय कट्टरपंथी अलगाववादी नेता को गुरूवार रात से नजरबंद रखा गया था।

शुक्रवार सुबह भट को शहर के हब्बाकदम इलाके में उसके आवास से गिरफ्तार कर शहीदगंज पुलिस थाना लाया गया। जब उसे पुलिस ले कर जा रही थी तब भट ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी नई बात नहीं है क्योंकि जम्मू कश्मीर में ताकत के बल पर शासन चलाया जा रहा है।

उसने कहा जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी ध्वज लहराना और आजादी के समर्थन में नारे लगाना नई बात नहीं है। यह 1947 से होता आ रहा है। यह गिरफ्तारी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी द्वारा पुलवामा जिले में त्राल इलाके तक मार्च का आवान किए जाने से पहले हुई जहां सोमवार को उग्रवाद विरोधी एक अभियान में दो युवक मारे गए थे।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि दोनों युवक फर्जी मुठभेड़ में मारे गए। लेकिन सेना कह रही है कि वह उग्रवादी थे और गोलीबारी में मारे गए। पुलिस ने पाकिस्तानी ध्वज लहराने सहित उकसाने वाली गतिविधियों को कथित तौर पर अंजाम देने के आरोप में भट और गिलानी सहित कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया गिलानी, भट, बशीर अहमद भट उर्फ पीर सैफुल्ला तथा अन्य अलगाववादी नेताओं के खिलाफ हैदरपोरा में उकसाने वाली गतिविधियों को अंजाम देने तथा पाकिस्तानी ध्वज लहराने के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की गई है।

प्रवक्ता ने बताया बडगाम पुलिस थाने में गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून की धारा 13, आरपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 147 (दंगा फैलाना), 341 (घायल करना), 336 (सरकारी कर्मी पर हमला करना), 427 (धोखाधड़ी) के तहत प्राथमिकी संख्या 92:2015 दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है।

जन सुरक्षा कानून के तहत चार साल तक जेल में रहे भट को पीडीपी नीत सरकार ने पिछले माह ही रिहा किया है। भट ने कहा कि प्रशासन में बदलाव के बावजूद राज्य सरकार की नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।

उसने कहा अपनी रिहाई के समय ही मैंने कहा था कि शासन में बदलाव हुआ पर नीति में बदलाव नहीं हुआ। वह शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को इसी तरह रोकते हैं। आलम की रिहाई से देश भर में हंगामा हुआ था और संसद में भी यह मुद्दा उठा था जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में एक बयान दिया था।

बुधवार को गिलानी के स्वागत में आयोजित रैली में पाकिस्तानी ध्वज लहराए जाने और भारत विरोधी नारे लगाए जाने के बाद राज्य सरकार में पीडीपी की गठबंधन भागीदार ने फिर से भट की गिरफ्तारी की मांग दोहराई थी। इस बीच, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि वह त्राल इलाके में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी मार्च की अनुमति नहीं देंगे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad