तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे किसान संगठन आज देश भर के राजभवनों का घेराव करेंगे और राज्यपालों और राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपेंगे। बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के सात महीने पूरे हो गए हैं। किसानों ने दिल्ली और हरियाणा के बीच सिंघू बॉर्डर पर अपना आंदोलन शुरू किया था। राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर अन्य दो विरोध स्थल टिकरी और गाजीपुर हैं। इस दौरान दिल्ली-गाजियाबाद की सीमा यूपी गेट पर किसानों का ट्रैक्टर मार्च भी होगा।
दिल्ली मेट्रो के तीन स्टेशन बंद रहेंगे
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने शनिवार को येलो लाइन पर तीन मुख्य स्टेशनों को चार घंटे के लिए बंद करने का फैसला किया है। डीएमआरसी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की सलाह के अनुसार सुरक्षा कारणों से येलो लाइन के तीन मेट्रो स्टेशन, विश्वविद्यालय, सिविल लाइन और विधानसभा कल सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक लोगों के लिए बंद रहेंगे।
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को कहा था कि कल (26 जून) की ट्रैक्टर रैली से पहले दिल्ली-गाजियाबाद बॉडर पर तैयारियां चल रही हैं। वे इसे 'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाएंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जब तक एमएसपी पर कानून नहीं बनाएगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने गुरुवार को कहा था कि पिछले साल लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनके आंदोलन के 26 जून को सात महीने पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के किसानों सहित बड़ी संख्या में कृषकों के दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारियों के बीच शामिल होने की उम्मीद है। एसकेएम ने कहा था कि सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान 26 जून की तैयारी कर रहे हैं और वे इसे 'कृषि बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाएंगे।
पिछले साल 25 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसान
भारतीय किसान संघ के एक प्रवक्ता ने कहा कि किसान फिर से भारी संख्या में गाजीपुर सीमा पर अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान तीन केंद्रीय कानूनों को रद करने की मांग को लेकर पिछले साल 25 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जून को किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न राज्यों के राज्यपालों को ज्ञापन सौंपेंगे। दिल्ली का राज निवास सिविल लाइंस इलाके में स्थित है।
कई दौर की वार्ता के बाद भी नहीं खत्म हुआ गतिरोध
किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने और उनकी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक नया कानून बनाने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इसे लेकर किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता हुई, पर गतिरोध नहीं खत्म हुआ। सरकार ने आखिरी बार 22 जनवरी को किसान नेताओं के साथ बातचीत की थी। दिल्ली में किसानों द्वारा 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के हिंसक हो जाने के बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत रुक गई थी।