शिवसेना के एक सीनियर नेता ने सुप्रीम कोर्ट से नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड (एनसीबी) के मामलों और शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन मामले की जांच कराने की मांग की है। राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त किशोर तिवारी ने चीफ जस्टिस से मामले में दखल की मांग की है।
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उन्होंने कहा कि पिछले लगभग दो वर्षों से दुर्भावनापूर्ण और पक्षपातपूर्ण तरीके से एनसीबी फिल्मी हस्तियों, मॉडलों और अन्य सेलेब्स को परेशान कर रही है। आर्यन खान और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर फैसला 20 अक्टूबर तक सार्वजनिक अवकाश का हवाला देते हुए टालने के बारे में याचिका में कहा गया है कि इसने आरोपी को बड़े अपमान का शिकार बनाया है और साथ ही, अलोकतांत्रिक और अवैध रूप से जेल में 17 रातों के लिए रखा है।
उन्होंने कहा है कि यह संविधान के जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की पूरी तरह से उल्लंघन है। शिवसेना नेता किशोर तिवारी ने एनसीबी और मुंबई के क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े की भूमिका की जांच की मांग की।
एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े पर संदेह की ओर इशारा करते हुए याचिका में कहा गया है कि अधिकारी की पत्नी बॉलिवुड में बड़ा नाम कमाने की कोशिश कर रही हैं। यही कारण है कि फिल्म उद्योग में केवल प्रमुख नाम, उनके परिवार, मॉडल, निर्माता-निर्देशक को एनसीबी जांच के दायरे में ला रही है।