लॉकडाउन के बीच देश में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है वहीं दूसरी तरफ गरीबों को खाने-पीने की चीजें मिलने का संकट गहरा रहा है। सरकार के तमाम वायदों के बावजूद हर जरूरतमंद को राशन मिलने में परेशानी हो रही है। ताजा वाक्या उत्तर प्रदेश के नोएडा और दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके का है। नोएडा के एक राशन दुकान पर राशन लेने गए लोगों को उस वक्त निराशा हाथ लगी जब लंबे समय के इंतजार के बाद सभी को खाली हाथ लौटना पड़ा। इससे इतर निजामुद्दीन मरकज मामले के बाद इस इलाके में रहने वाले मजदूरों का आरोप है कि इलाके की दुकानों में जरूरत के सामान पर एमआरपी से ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं।
बता दें, राज्य और केंद्र की तरफ से इस बात का आश्वासन दिया गया है कि हर किसी को जरूरत की सभी वस्तुएं मुहैय्या कराई जाएंगी। इस बाबत सरकार ने कदम भी उठाए हैं, लेकिन परिस्थितियां इन दावों के विपरीत हैं।
चार घंटे खड़े रहने के बाद भी नहीं मिला राशन
नोएडा में राशन दुकान पर राशन लेने गई सीमा बताती हैं, “राशन न होने के कारण अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।” वो कहती हैं, “हमलोग असहाय हैं। लॉकडाउन के बीच हमलोग राशन लेने गए लेकिन नहीं मिला। राशन मिलने का समय दिन के 11 बजे तय है और हमलोग 7:30 बजे ही पहुंच गए थे। इसके बावजूद, करीब दो घंटे में पूरा राशन खत्म हो गया।”
एमआरपी से ज्यादा दामों पर खरीदनी पड़ रहीं चीजें
वहीं, निजामुद्दीन इलाके में भारी तादाद में प्रवासी श्रमिक रहते हैं। लॉकडाउन की वजह से इनलोगों का काम बंद है। बिहार के एक प्रवासी श्रमिक बताते हैं, “निजामुद्दीन घटना के बाद सराय काले खां में सब कुछ महंगा हो गया है। नौकरी नहीं होने और कम पैसे होने की वजह से जीवन जीना मुश्किल हो गया है। इस इलाके की किराना दुकानें एमआरपी से अधिक मूल्य पर जरूरी चीजें बेच रही हैंं।”
120 रुपए किलो के भाव बिक रही हैं सब्जियां
आलम यह है कि प्याज 60 रुपए किलो, टमाटर 50 रुपए, आलू 40 रुपए किलो बेचा जा रहा है, जबकि अन्य मौसमी सब्जियां सराय काले खां क्षेत्र में 100 से 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर बिक रही हैं। यहां तक कि सूखे राशन की आपूर्ति भी उच्च कीमत पर बेची जा रही है। उदाहरण के तौर पर, 25 किलोग्राम पैकेट का चावल 850 रुपये प्रति बैग बेचा जा रहा है, जबकि एक सप्ताह पहले यह 770 रुपए था। इसी तरह गेहूं के आटे की दर 270 रुपए से बढ़कर अब 350 रुपए प्रति 5 किलोग्राम हो गई है, जबकि मसूर की दाल की दर 60 रुपए किलो से बढ़कर 80 रुपए किलो हो गई है। इस इलाके में बिस्कुट में एक से छ: रुपए प्रति पैक की वृद्धि हुई है। सराय काले खां में आश्रम, निजामुद्दीन, भोगल, जंगपुरा, लाजपत नगर और ओखला मंडी में काम करने वाले प्रवासी श्रमिक बड़ी संख्या में रहते हैं।