महज कुछ ही दिनों में सोलर ट्रेन पटरी पर दौड़ेगी। जोधपुर से चलने वाली यह सोलर ट्रेन अभी ट्रायल के रूप में चलाई जाएगी और इसके बाद आगे का रास्ता तय होगा। इस बारे में आउटलुक से बातचीत में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया ऊर्जा की बचत के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
रेलवे में कई बड़े परिवर्तनों को करने के उत्सुक सुरेश प्रभु ने बताया कि रेलवे को जरूरी और बुनियादी सेवाएं मुहैया कराने वाले ट्रांसपोर्टर के तौर पर अपनी साख को और अधिक बढ़ाना है। इसी क्रम में दीन दयालु कोच भी शुरू किए जा रहे हैं ताकि अनारक्षित यात्रियों को थोड़ा आराम मिले।
जहां तक सोलर ट्रेन का सवाल है तो इसे पायलेट आधार पर चलाने का फैसला पिछले साल लिया गया था। इसका ठेका पिछले साल जैकसन इंजीनियर्स लिमिटेड को दिया गया था। उसे 1.57 करोड़ रुपये के ठेके में सोलर पैनल लगे छह कोच तैयार करने थे। ये डिब्बे तैयार हो गए हैं। इन डिब्बों को डीजल से चलने वाला ही इंजन खींचेगा, डिब्बों में लाइट-पंखा सब सोलर पैनल के जरिए चलेगा।
वैसे रेलवे ने सालाना 239 टन कार्बन डायोक्साइड उत्सर्जन बचाने की योजना बनाई है।