बैठक के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि कश्मीर में पहले अमन था लेकिन अब वहां टकराव, तनाव और डर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने सिर्फ लोगों को भड़काने का काम किया है। सोनिया ने कहा कि जो भी विकास के काम हो रहे हैं, वो सब यूपीए सरकार के दौरान शुरू किए गए थे। प्रेसिडेंट इलेक्शन पर सोनिया ने कहा कि हम अपने जैसी सोच रखने वाली पार्टियों से मिल रहे हैं। ताकि कैंडिडेट्स को लेकर आम राय बन सके। गौरतलब है कि प्रेसिडेंट कैंडिडेट को लेकर आम राय बनाने के लिए 26 मई को सोनिया गांधी ने विपक्षी नेताओं के लिए लंच भी होस्ट किया था।
गुलाम नबी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
बैठक के बाद कांग्रेस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बैठक में प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट इलेक्शन को लेकर चर्चा हुई। मीटिंग में सभी नेताओं ने अपनी बात रखी। साथ ही वर्किंग कमेटी ने इसरो को बधाई दी। पिछले 60 सालों में कांग्रेस ने जो सपना देखा था,इसरो उस पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार चाहे जितनी खुशी मना ले। लेकिन देश के लिए ये तीन साल निराशाजनक रहे। उन्होंने कहा कि इस दौरान डर के अलावा और कुछ नहीं दिखा। ये डर किसी एक व्यक्ति या विपक्ष तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि देश के दलित, महिलाएं और अल्पसंख्यक इस भय का शिकार हो रहे हैं।
नौजवानों को दिया धोखा
आजाद ने कहा कि सरकार ने एक नारा दिया था - सबका साथ, सबका विकास। लेकिन किया इसका उल्टा, ये केवल नारों की सरकार है। जमीन पर इसकी हकीकत जीरो है। नौजवानों के साथ धोखा हुआ, करोड़ों नौजवान रोजगार मांगते हैं। इसके साथ ही आजाद ने कहा कि एनडीए ने किसानों से वादा किया था कि जो भी अनाज पैदा करने में पैसा लगता है, हम उसके ऊपर 50% और फायदा देंगे लेकिन नहीं दिया। साल 12 हजार से ज्यादा किसान आत्महत्या करते हैं। बैठक में सोनिया, राहुल के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, पी. चिदंबरम, अंबिका सोनी, जनार्दन द्विवेदी समेत कई सीनियर लीडर मौजूद रहें।