प्रदूषण के बेहद गंभीर स्तर को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ऑड-ईवन के फॉर्मूले पर फिर से विचार करने को कहा है। प्रदूषण कम करने के नाम पर पार्किंग फीस चार गुना करने पर भी गुरुवार को हाईकोर्ट ने सवाल उठाए। ईपीसीए ने ऐसा करने का सुझाव दिया था। मानवाधिकार आयोग और एनजीटी ने भी सरकार से इस संबंध में तीखे सवाल पूछे हैं। मानवाधिकार आयोग ने संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी कर प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।
मीडिया रिपोर्टों के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए आयोग ने इस मामले में केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और पंजाब तथा हरियाणा सरकार से दो सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को दिल्ली-एनसीआर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर आपात बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के सचिव को दिल्ली और पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ 3 दिन के भीतर बैठक करने को कहा है। हाईकोर्ट ने इसमें प्रदूषण नियंत्रण के उपाय तलाशने को कहा है। हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को वाहनों के परिचालन के लिए दोबारा से ऑड-ईवन फाॅर्मूला लागू करने पर भी विचार करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को तत्काल सड़कों को धोने के लिए कहा है ताकि धूल उड़ने की वजह से जो प्रदूषण फैल रहा है वह कम हो।
हाईकोर्ट ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि राजधानी में अभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में आपूर्ति हो ताकि किसी को सांस लेने में दिक्कत होने पर इसकी कमी से परेशानी न हो। इससे पहले एनजीटी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य की सरकारों को इस स्थिति से निबटने के लिए तैयार न रहने पर फटकारा। एनजीटी ने कहा कि सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की रिपोर्ट से साफ है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर गहरा गया है। पीएम-10 के स्तर में भारी इजाफा हुआ है। पिछले कुछ सप्ताह के दौरान पीएम के स्तर में लगातार बढ़ोतरी हुई है। एनजीटी ने यह भी कहा कि क्या हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर कृत्रिम बारिश नहीं करवाई जा सकती है।