सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के जरिए कोर्ट से भविष्य में सभी चुनाव मत पत्र के माध्यम से करवाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने कहा कि मसले को पहले भी सुन कर फैसला दिया जा चुका है। एडवोकेट सी आर जयासुकिन ने अपनी याचिका के जरिए ईवीएम को लेकर कहा कि इसमें गड़बड़ी की शिकायतें आती रहती है। कोर्ट को इस पर रोक लगाने का आदेश देना चाहिए।
जिस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यम की पीठ ने कहा, "हम पहले भी ऐसी मांग को सुन चुके हैं। दोबारा सुनवाई की जरूरत नहीं है।"
जब जजों के सामने एडवोकेट जयासुकिन ने अपनी मांग पर फिर जोर दिया तब चीफ जस्टिस ने पूछा, "आप ने अनुच्छेद- 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसका इस्तेमाल मौलिक अधिकारों के हनन पर होता है। यहां किसी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं हो रहा है।“ जिसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस लेने की बात कही और जजों ने इसकी अनुमति दे दी।