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रेप मामलों के निपटारे को लेकर गंभीर सुप्रीम कोर्ट, सीजेआई ने गठित की दो जजों की कमेटी

देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं और अदालत में वर्षों से लंबित न्याय पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य...
रेप मामलों के निपटारे को लेकर गंभीर सुप्रीम कोर्ट, सीजेआई ने गठित की दो जजों की कमेटी

देश में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं और अदालत में वर्षों से लंबित न्याय पर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश ने देश भर में दुष्कर्म के लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण और चुस्त निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों की कमेटी गठित की है। इस कमेटी में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सुभाष रेड्डी शामिल हैं, जो हर एक ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट में मामले के निपटारे में तेजी से संबंधित कदम उठाएंगे।

वहीं, बच्चों के खिलाफ यौन शोषण के मामलों में सुनवाई के लिए विशेष पॉक्सो कोर्ट के गठन और पब्लिक प्रासीक्यूटर की नियुक्ति के अपने पुराने आदेश पर अमल न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने उन जिलों में स्पेशल पॉक्सो कोर्ट के गठन का आदेश दिया था, जहां नाबलिगों के खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज हैं।

कोर्ट ने अब फरवरी तक सभी राज्यों के पॉक्सो कोर्ट के गठन की समयसीमा तय की है। साथ ही कहा है कि जिन जिलों में बच्चों के साथ यौन शोषण के 300 से ज्यादा केस लंबित हैं, वहां 2 पॉक्सो कोर्ट का गठन किया जाए।

निगरानी कमेटी हाईकोर्ट के साथ समन्वय करके दुष्कर्म के मुकदमों का करेगी त्वरित निपटारा

यह कमेटी संबंधित उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के साथ समन्वय करके यह प्रयास करेगी कि दुष्कर्म के मुकदमे का ट्रायल एक वर्ष में निपटा दिया जाए। जिला अदालतें हाईकोर्ट के आधीन होती हैं ऐसे में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की कमेटी संबंधित हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों के साथ समन्वय करके दुष्कर्म के मुकदमों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करने की निगरानी करेगी।

हैदराबाद दुष्कर्म केस पर बोबड़े ने कहा था- न्याय और बदले में अंतर है

मालूम हो कि महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या कर शव जलाने वाले चार आरोपियों के हैदराबाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि न्याय और बदले में अंतर है।

बोबड़े ने दुष्कर्म जैसे मुकदमों का शीघ्र निपटारा के लिए उठाया कदम

न्याय तत्काल नहीं हो सकता, लेकिन मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने हैदराबाद में महिला डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या कर शव जलाने के बाद ही ऐसे मुकदमों का शीघ्र निपटारा सुनिश्चित करने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

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