Advertisement

केंद्र को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने एनजीएसी को असंवैधानिक करार दिया

जजों की नियुक्ति के लिए बहाल की फिर से कोलीजियम व्यवस्था, सरकारी दखल को किया नामंजूर
केंद्र को झटका, सुप्रीम कोर्ट ने एनजीएसी को असंवैधानिक करार दिया

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी निष्पक्षता पर आंच डालने वाले 99वे संविधान संशोधन को आज अंसवैधानिक करार दिया। अपने ऐतिहासिक फैसले में देश की सर्वोच्च अदालत की संविधान बेंच ने कहा कि 99वें संशोधन के तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजीएसी को असंवैधानिक करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से केंद्र सरकार को करारा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज एक सामूहिक फैसले में जजों की नियुक्ति की दो दशक पुरानी कोलीजियम व्यवस्था को बहाल करते हुए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए एनजीएसी कानून को असंवैधानिक करार करते हुए पूरी तरह से खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने जस्टिस जे.एस. खेहर ने आज यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने कहा कि यह अदालत का सामूहिक फैसला है। कोलिजीयम प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए 3 नवंबर को याचिकर्ता और सरकार से सुझाव मांगे । यह फैसला अपने आप में ऐतिहासिक है क्योंकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जब से जजों की नियुक्ति के लिए यह कानून बनाया, तभी से कानून की दुनिया में इसे सीधे-सीधे सरकारी दखल के तौर पर देखा गया। जजों की नियुक्ति में सीधे-सीधे सरकार के दखल से न्यायपालिका की निष्पक्षता और स्वतंत्रता के प्रभावित होने का खतरा था। कानून मंत्री सदानंद गौड़ा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा कि इस कानून को दोनों सदनों ने और 20 राज्यों ने मंजूरी दी थी। वह इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सलाह करेंगे।

इस कानून को पारित कराने में वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद की अहम भूमिका था। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला उनकी मंशाओं पर पानी फेरने वाला साबित होता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी सीधे वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा यह एनडीए सरकार का खराब तरीके से बनाया गया कानून था। अरुण जेटली को दूसरे मंत्रालयों के बजाय अपने मंत्रालय के कामकाज पर ध्यान देना चाहिए। भाजपा के नाराज सांसद राम जेटमलानी ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लोकतंत्र के लिए एतिहासिक दिन बताया और कहा कानून अधिकारियों को इस्तीफा दे देना चाहिए। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad