जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र से पूछा है कि वे अगले सप्ताह तक बताएं कि उमर अब्दुल्ला को रिहा किया जा रहा है या नहीं?
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से कहा अगर आप उमर अब्दुल्ला को रिहा कर रहे हैं तो उन्हें जल्द रिहा कीजिए या फिर हम हिरासत के खिलाफ उनकी बहन की याचिका पर सुनवाई करेंगे।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सारा अब्दुल्ला पायलट ने याचिका दाखिल कर अपने भाई और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा कराने की मांग की है। बता दें कि सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) 1978 के तहत उमर अब्दुल्ला को हिरासत में रखा गया है। सारा की याचिका पर 5 मार्च को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस पर होली अवकाश के बाद सुनवाई करेगी।
यह मामला 5 मार्च को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया था, लेकिन इस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा एक संविधान पीठ के मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान सारा पायलट की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया था, जिसके बाद न्यायमूर्ति मिश्रा ने उनसे कहा था कि इस मामले को 5 मार्च को नहीं सुना जाएगा।
सिब्बल ने जल्द सुनवाई की अपील की थी
सिब्बल ने अदालत से मामले को जल्द से जल्द उठाने का अनुरोध किया क्योंकि यह बंदी प्रत्यक्षीकरण का मामला है। कोर्ट ने कहा था कि वह इस मामले की सुनवाई होली अवकाश के बाद करेगा।
2 मार्च को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को दी थी जानकारी
2 मार्च को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उमर अब्दुल्ला अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के "बहुत मुखर आलोचक" रहे हैं और उनकी उपस्थिति सार्वजनिक व्यवस्था के लिए "खतरा" होगी।
प्रशासन ने उमर अब्दुल्ला की बहन द्वारा जम्मू और कश्मीर पीएसए, 1978 के तहत उसकी हिरासत को चुनौती देने के लिए दायर याचिका पर भी आपत्ति जताई।
फारुक अब्दुल्ला हो चुके हैं रिहा
पिछले हफ्ते, उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला को कई महीनों तक हिरासत में रहने के बाद रिहा कर दिया गया था।