बाबरी मस्जिद गिराने की साजिश के मामला में ट्रायल चला रहे सीबीआई के स्पेशल जज एसके यादव का कार्यकाल सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जज का कार्यकाल बढ़ाया जा रहा है ताकि वह ट्रायल पूरा कर फैसला सुना सकें। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल पूरा कर फैसला 9 महीने के भीतर सुनाया जाए। कोर्ट ने 6 महीने में मामले की सुनवाई पूरी करने को कहा है।
बता दें कि लखनऊ की सीबीआई अदालत में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 12 आरोपियों पर आपराधिक साजिश के तहत मुकदमा चल रहा है।
एसके यादव को 30 सितंबर को होना था रिटायर
इस मामले की सुनवाई लखनऊ में ट्रायल कोर्ट के सीबीआई जज एसके यादव कर रहे हैं। वह 30 सितंबर, 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने शीर्ष अदालत को पत्र लिखकर कहा था कि बाबरी मामले में मुकदमे की सुनवाई को पूरा करने के लिए और समय चाहिए। जिसमें भाजपा नेता भी शामिल हैं।
जज का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से जवाब मांगा था। यूपी सरकार ने कहा है कि राज्य में किसी जज का कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है। इसलिए कोर्ट अपने अनुच्छेद 142 के तहत अधिकार के तहत ये कर सकता है।