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सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, निजता नागरिकों का मौलिक अधिकार

माना जा रहा है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले का व्यापक असर होगा।
सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, निजता नागरिकों का मौलिक अधिकार

निजता यानी प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आ गया है। नौ जजों की संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मत फैसला दिया है कि भारतीय संविधान के अनुसार निजता मौलिक अधिकार है। कोर्ट ने कहा है कि यह संविधान के अनुच्छेद 21 भाग-4 के अंतर्गत संरक्षित है। संवैधानिक पीठ ने 1954 और 1962 में दिए गए फैसलों को पलटते हुए कहा कि निजता का अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत दिए गए जीने के अधिकार तथा व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हिस्सा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि निजता का अधिकार असीमित नहीं है और इस पर उचित पाबंदियां तय की जा सकती हैं। 


नौ जजों की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई के बाद दो अगस्त को अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ में सीजेआई जेएस खेहर, जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस एआर बोबडे, जस्टिस आर के अग्रवाल, जस्टिस रोहिंग्टन नरीमन, जस्टिस अभय मनोहर सप्रे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं।

संविधान पीठ के 9 जजों में से 4 सीजेआई खेहर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड, जस्टिस आरके अग्रवाल और जस्टिस एस अब्दुल नजीर ने फैसले में कहा है निजता कोई अभिजात्य कांसेप्ट नहीं है, जो सिर्फ अमीर के लिए हो। निजता का अधिकार समाज के सभी वर्गों की आकांक्षा है। देश में निजता को संविधान से सरंक्षण प्राप्त है।

कोर्ट ने कहा कि सिविल या राजनीतिक अधिकारों को सामाजिक आर्थिक अधिकारों के अधीन नहीं रखा जा सकता। भारत के लोकतंत्र को ताकत स्वाधीनता और स्वतंत्रता से मिलती है। हर सामान्य नागरिक को निजता का अधिकार है भले ही वह अमीर हो या गरीब। 

-माना जा रहा है कि शीर्ष अदालत के इस फैसले का व्यापक असर होगा।

-निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार करार दिए जाने के बाद अब लोगों की निजी जानकारी सार्वजनिक नहीं होगी। अब पांच जजों की खंडपीठ देखेगी कि सरकारी स्कीम के लिए आधार जरूरी या नहीं।

- केंद्र सरकार ने इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा था। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से  एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि आज का दौर डिजिटल है, जिसमें राइट टू प्राइवेसी जैसा कुछ नहीं बचा है।

 

 

 

 

 

 

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