केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 जारी करने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बार बार स्पष्ट किया है कि अगर स्वच्छ भारत मिशन को सरकारी कार्यक्रम के तौर देखा जाता है तो यह सफल नहीं हो सकता। उन्होंने साफ किया है कि इसे जनांदोलन बनाया जाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिशन से जोड़ा जाना चाहिए। नायडू ने कहा कि सर्वेक्षण के दूसरे चरण में उन 500 शहरों और कस्बों को कवर किया जाएगा जिनमें एक लाख और इससे अधिक की जनसंख्या है। इसमें एक लाख जनसंख्या से कम वाले राजधानी शहरों को भी शामिल किया जाएगा। इसमें महत्वपूर्ण धरोहर और पर्यटन स्थल वाले कस्बों को भी शामिल किया जाएगा।
इस चरण के 500 शहरों में देश की कुल 70 प्रतिशत शहरी जनसंख्या निवास करती है। जनवरी में जारी पिछला सर्वेक्षण उन 73 शहरों में किया गया था जिनमें 10 लाख और इससे अधिक की जनसंख्या है। नायडू ने कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे हमें शहरी भारत में स्वच्छता की स्थिति को समझने में मदद करेंगे। इससे पता चलेगा कि हम करीब दो साल पहले शुरू स्वच्छ भारत मिशन से अब तक कितनी दूरी तय कर चुके हैं और अभी खुले में शौच से मुक्ति तथा स्वच्छ शहर भारत के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कितना सफर तय करना है। उन्होंने स्वच्छता की दिशा में शानदार प्रयास करने वाले लोगों के नामों की बात करते हुए छत्तीसगढ़ के दमतारी जिले की रहने वाली 104 वर्षीय कुंवर बाई का जिक्र किया जिन्होंने शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरियां बेच दीं। मंत्री ने ससुराल में शौचालय नहीं होने पर युवतियों द्वारा शादी से इंकार करने की घटनाओं का भी जिक्र किया।