मेटोपोलिटन मजिस्टेट लवलीन ने स्वामी को इस मामले में शिकायतकर्ता के गवाहों की सूची सौंपने का अंतिम मौका देते हुए उनकी यह अर्जी खारिज कर दी। स्वामी ने गांधी परिवार एवं अन्य पर आरोप लगाया है कि उन्होंने मात्र 50 लाख रुपये अदा करके एजीएल पर कांग्रेस की 90.25 करोड़ रुपये की देनदारी की वसूली का अधिकार यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड को सौंप दिया।
गांधी परिवार के अलावा, अन्य आरोपियों मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा ने भी अपने विरूद्ध लगे आरोपों से इनकार किया है। अदालत ने आरोप निर्धारण से पहले की कार्यवाही के लिए अगली सुनवाई की तारीख 10 फरवरी तय की है।
स्वामी की अर्जी पर निचली अदालत ने 11 जनवरी और 11 मार्च के अपने आदेशों में इस मामले में वित्त मंत्रालय, शहरी विकास मंत्रालय, कॉरपोरेट कार्य विभाग, आयकर विभाग से दस्तावेज तथा कांग्रेस पार्टी के बैलेंस शीट मांगे थे। कांग्रेस और एजेएल ने आठ अप्रैल को संबंधित दस्तावेज सौंप दिए थे।
हालांकि 12 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए निचली अदालत के इन दोनों आदेशों को दरकिनार कर दिया था कि वे सोच विचार के बगैर ही दिए गए हैं। तब स्वामी ने कुछ खास दस्तावेज तलब करने की मांग करते हुए निचली अदालत में नई अर्जी दायर की थी जबकि कांग्रेस नेताओं एवं एजेएल ने अदालत को सौंपी गई बैलेंस शीट समेत उन दस्तावेजों को लौटाने की मांग की थी।
स्वामी ने अपने आवेदन में नेशनल हेराल्ड की होल्डिंग कंपनी एजेएल को कांग्रेस द्वारा दिए गए कर्ज से जुड़े दस्तावेज मांगे थे और कहा था कि सुनवाई के लिए ये जरूरी हैं। आरोपियों के वकील ने नौ दिसंबर को सुनवाई के दौरान अदालत से कहा था कि स्वामी पार्टी और एजेएल से दस्तावेज मांग कर इस मामले में अंधेरे में तीर चला रहे हैं क्योंकि वह उनके खिलाफ नया मामला बनाना चाहते हैं। लेकिन स्वामी ने इस आरोप को बेबुनियाद करार दिया था और कहा था कि उनकी मांग वैध है।
अदालत ने 26 जनवरी, 2014 को इस मामले में यंग इंडिया के अलावा सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सुमन दुबे ओर सैम पित्रोदा को बतौर आरोपी तलब किया था। उसने सोनिया, राहुल, वोरा, फर्नाडीज और दुबे को 19 दिसंबर, 2015 को जमानत दी थी जो उसके सामने पेश हुए थे। पित्रोदा 20 फरवरी को अदालत में पेश हुए थे, तब उन्हें जमानत मिली थी।
सोनिया, राहुल, वोरा, फर्नाडीज,, दुबे और पित्रोदा को भारत की विभिन्न संबंधित धाराओं के तहत कथित अपराधों को लेकर तलब किया गया था। (एजेंसी)