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अभी नहीं खुलेगा ताजमहल, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लिया गया फैसला

दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत में भी कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। देशभर में...
अभी नहीं खुलेगा ताजमहल, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लिया गया फैसला

दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत में भी कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। देशभर में भले ही लॉकडाउन हटाकर अनलॉक की प्रक्रिया अपनाई जा रही है लेकिन हालात अभी भी ठीक नहीं है। कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए मार्च के आखिरी सप्ताह में लगाए गए लॉकडाउन के बाद से ही देशभर में ऐतिहासिक इमारतें बंद हैं। अनलॉक के दौरान भी इन इमारतों को खोलने की मंजूरी नहीं मिली है। ताज महल भी पिछले 107 दिनों से बंद है। ऐसे में ताज महल का दीदार करने की चाह रखने वालों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि ताजनगरी आगरा में कोरोना वायरस के मामले अभी भी थमे नहीं हैं ऐसे में आगरा प्रशासन ने ताज महल समेत आगरा की सभी ऐतिहासिक इमारतों को खोलने की इजाजत नहीं दी है।

प्रशासन की ओर से जब तक इजाजत नहीं मिल जाती तब तक ताज महल, आगरा फोर्ट, अकबर का मकबरा समेत सभी ऐतिहासिक इमारतें बंद रखने का आदेश दिया गया है। जिलाधिकारी के मुताबिक, आगरा में ऐतिहासिक इमारतें खोले जाने से भारी संख्या में पर्यटक आएंगे जिनसे कोरोना फैलने का खतरा और भी बढ़ जाएगा।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में कोरोना वायरस से 15 और लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसके साथ ही जिले में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,282 हो गई है। वहीं, इस अवधि में 13 लोग संक्रमणमुक्त हुए। इसके साथ ही जिले में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 1,053 हो गई। कोविड-19 से जिले में 90 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिलाधिकारी पीएन सिंह के मुताबिक जिले में इस समय 139 मरीज उपचाराधीन हैं। वहीं, इन दिनों में 71 नए कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

हाल ही में पर्यटन और सांस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने घोषणा की थी कि देशभर में 6 जुलाई से सभी ऐतिहासिक इमारतों को खोल दिया जाएगा। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ताजमहल को ना खोलने के फैसले के बाद अभी पर्यटक ताज का दीदार नहीं कर पाएंगे।

बता दें कि देशभर की सभी ऐतिहासिक इमारतें पिछले तीन महीने से कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते बंद पड़ी है। हालांकि भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारी इन इमारतों की देखभाल कर रहे हैं।

 

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