देश में एक बार फिर कोरोना के हालात बिगड़ने लगे हैं, जिससे आशंका जताई जा रही है कि यदि स्थिती अभी नहीं संभली तो जल्द ही देश में कोरोना की तीसरी लहर कोहराम मचा सकती है। देश में आठ राज्य अभी भी ऐसे हैं जहां संक्रमण की दर बहुत अधिक है। जहां के हालात देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात करके स्थिती की जानकारी ली है।
देश के चार पूर्वोत्तर राज्य ऐसे हैं यहां स्थिति अनियंत्रित हो गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार सिक्किम में जांच पॉजिटिविटी दर 19.5 %, मणिपुर में 15%, मेघालय में 9.4% और मिजोरम में 11.8% है। विश्व स्वास्थय संगठन (डब्ल्यूएचओ) का मानना है कि यदि जांच पॉजिटिविटी दर 10% से ज्यादा हो तो तब इसका मतलब है कि संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो चला है। वहीं इन पूर्वांचल के अन्य राज्यों में कभी भी कई राज्य ऐसे हैं जहां संक्रमण की दर 5% से अधिक हैं जिसमें अरुणांचल प्रदेश (7.4% ), नागालैंड (6% ) और त्रिपुरा (5.6% ) शामिल हैं। इन राज्यों में 2% संक्रमण दर के साथ असम में अब भी स्थिति नियंत्रित है।
फिलहाल देश में कोरोना की जांच पॉजिटिविटी दर 2.3% है। जिसकी तुलना में पूर्वोत्तर के राज्यों की जांच पॉजिटिविटी दर 7 गुना अधिक है। इसके अनुसार देश में कोरोना संक्रमण जितनी तेजी से प्रसारित हो रहा है उसके मुकाबले पूर्वोत्तर के हालात काफी ज्यादा बदतर हैं।
पूर्वाोत्तर के राज्यों के अलावा केरल एक ऐसा राज्य है जहां की स्थिति काफी गंभीर है यहां जांच पॉजिटिविटी दर 10.5 फीसदी बनी हुई है। हालाकि जांच पॉजिटिविटी दर इस बार को दर्शाती है कि एक दिन के अंदर जांचें हुए नमूनों में से कितने प्रतिशत नमूनों में संक्रमण की पुष्टि हुई है।
इस बीच हैदराबाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ भौतिक विज्ञानी और पूर्व कुलपति डॉ. विपिन श्रीवास्तव ने दावा किया है कि बीते 4 जुलाई से देश में कोविड-19 के संक्रमण और मौंतों का पैटर्न वैसा ही देखा जा रहा है, जैसा इस साल के फरवरी के पहले सप्ताह में देखा गया था। इन्हीं मामलों ने अप्रैल के अंत तक देश में हजारों लोगों की जान लेली थी। इस आधार पर कोरोना की तीसरी लहर की शुरुआत की आशंका जताई जा रही है। इसके अलावा आईएएम ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि पर्टन स्थलों और धार्मिक समारोह से भीड़ कम नहीं हुई तो तीसरी लहर भयावह हो सकती है।