Advertisement

विश्व की मंदी का दबाव पर बेहतर रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्थाः अरुण जेटली

महिला प्रेस क्लब में आरबीआई गवर्नर से लेकर काले धन, महंगाई आदि पर खुलकर बोले वित्ती मंत्री
विश्व की मंदी का दबाव पर बेहतर रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्थाः अरुण जेटली

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवनर रघुराम राजन के साथ सरकार के रिश्तों में टकराव को सिरे से नकारते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दोनों के बीच संस्थागत रिश्ते हैं, जिन्हें बचाकर रखा जाना जरूरी है। आज दोनों ही पक्ष एक दूसरे की बात सुनते हैं और समझते हुए आगे बढ़ते हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज महिला प्रेस क्लब में आयोजित मुलाकात के दौरान एक सवाल के जवाब में यह कहा। इस तरह से उन्होंने सुबह्रमण्यम स्वामी द्वारा रघुराम राजन को पद से हटाकर शिकागो भेजने की बात को ज्यादा भाव न देने की बात कही। उन्होंने दोहराया कि सरकार रघुराम राजन के साथ है।

आउटलुक ने जब उनसे काले धन, महंगाई और रोजगार में कटौती के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने इन मोर्चों पर सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि काले धन पर मोदी सरकार ने बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि काला धन को वापस लाने के लिए इससे पहले किसी भी सरकार ने इतनी गंभीरता नहीं दिखाई थी। महंगाई के बारे में भी अरुण जेटली ने कहा कि पहले की तुलना में कम हुई है।  साथ ही उन्होंने यह भी माना कि चूंकि विश्व अर्थव्यवस्था में मंदी है, विश्व व्यापार सिकुड़ रहा है, लिहाजा इसका असर भारत पर पड़ना स्वाभाविक है। भारतीय अर्थव्यवस्था अभी सूखे से जूझ रही है। दो खराब मानसून के असर से ग्रामीण मांग बैठ गई है। अर्थव्यवस्था के छह कोर क्षेत्र दबाव में है। इनसे निपटना कड़ी चुनौती है। जीएसटी पर उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोई राह निकलेगी। इस पर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक तरफ वह दावा करते हैं कि यह उन्हीं का बिल है औऱ दूसरी तरफ इसमें अडंगा लगाए हुए हैं।

पेड न्यूज के सवाल के जवाब में उन्होंने दिल्ली की सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि जरूरत से ज्यादा विज्ञापन दिया जा रहा है, जो राजनीतिक रिश्वत की शक्ल ले चुका है। इस प्रवृत्ति पर उन्होंने गंभीर चिंता जताई।

न्यायपालिका की बढ़ती दखलंदाजी पर उन्होंने अपनी नाराजगी को बरकरार रखते हुए कहा कि अदालतों को एक्टिविजम में नहीं जाना चाहिए। जो काम या फैसले कार्यपालिका को लेने हैं, उनमें न्यापालिका को दखल नहीं देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि लक्ष्मण रेखा हमें खुद ही खींचनी होगी। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad