तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से आंदोलन कर रहे किसान पीछे हटने का नाम नहीं ले रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार भी झुकने के मूड में नहीं दिख रही है। केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच छठे दौर की वार्ता बुधवार को हुई, जिसके बाद एक बार फिर से 4 जनवरी को बातचीत होगी। हालांकि इस वार्ता के बाद किसानों ने थोड़ी नरमी दिखाई है। किसानों ने आज होने वाली ट्रैक्टर रैली को स्थगित कर दिया है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम कुछ तो संतुष्ट है। दो मांगों को मान लिया गया है। अगली बैठक में हम एमएसपी और 3 कानूनों को लेकर सरकार से बात करेंगे। ट्रैक्टर रैली को हमने स्थगित कर दिया है, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।
गौरतलब है कि बुधवार को छठे दौर की बातचीत हुई। इसमें किसानों की चार मांगों में से दो मांगों को मान लिया गया है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा है कि 50 फीसदी बातों पर किसानों की रजामंदी हो गई है। अगले दौर की वार्ता चार जनवरी को होगी। हालांकि, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और कानून को वापस लेने की मांग पर अभी सहमति नहीं बनी है। इस पर चार जनवरी को फिर बातचीत होगी। वहीं, किसानों का कहना है कि वो अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
अखिल भारतीय किसान सभा पंजाब के अध्यक्ष बलकारन सिंह बराड़ ने कहा, "आज की वार्ता सकारात्मक रही। सरकार कहती रही है कि हमें आंदोलन समाप्त करना चाहिए और एक समिति बनानी चाहिए। लेकिन हमने उनकी बात नहीं मानी। हम अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। हम कोई समिति नहीं बनाएंगे। हम अगली बैठक में MSP पर चर्चा करेंगे।"
बैठक को लेकर जानकारी देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों ने चार प्रस्ताव रखे थे, जिसमें दो पर सहमति बन गई है। एमएसपी पर कानून को लेकर बातचीत जारी है। हम एमएसपी पर लिखित आश्वसन देने के लिए तैयार हैं। वहीं, तोमर ने कहा कि पर्यावरण संबंधी अध्यादेश पर रजामंदी हो गई है। इसके साथ हीं बिजली बिल को लेकर भी सहमति बन गई है। पराली के मुद्दे पर केंद्र राजी है।
नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी जारी रहेगी और इसके लिए केंद्र लिखित में देने को तैयार है। कृषि मंत्री ने कहा कि मांगों पर किसान-सरकार के बीच 50 फीसदी सहमति बन गई है। समिति बनाने के लिए सरकार पहले दिन से तैयार है। अगली बैठक चार जनवरी को होगी।
उनके अनुसार किसान संगठनों के प्रतिनिधियों द्वारा तीनों कानून वापस लेने से संबंधित सुझाव के संबंध में कृषि मंत्री ने कहा कि इस पर कमेटी का गठन करके किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए विकल्पों के आधार पर विचार किया जा सकता है जिससे संविधानात्मक मर्यादा का पालन करने के लिए सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन कर सके।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन अध्यादेश, 2020 तथा विद्युत संशोधन विधेयक, 2020 पर सरकार ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की तथा सरकार ने किसान संगठनों के सुझाव पर सैद्धान्तिक रूप से इन दोनों विषयों पर अपनी सहमति जताई।