इस बीच केंद्र ने निजी ऑपरेटरों और राज्य परिवहन निगमों के कर्मचारियों से हड़ताल समाप्त करने के लिए कहा है। केरल में बस, टैक्सी और ऑटोरिक्शा जैसे सार्वजनिक परिवहन के साधन सड़कों से गायब थे हालांकि निजी वाहनों का परिचालन जारी था। सड़क परिवहन और सुरक्षा विधेयक, 2015 के विरोध में एटक, सीटू, बीएमएस, इंटक, एचएमएस, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ जैसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और राज्य स्तर के संगठनों ने संयुक्त रूप से हड़ताल का आवान किया है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उनकी चिंताओं को अपरिपक्व करार देते हुए हड़ताल समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि विधेयक पर सभी संबद्ध संगठनों के साथ विचार विमर्श किया जाएगा। तिरूवनंतपुम में केरल राज्य परिवहन निगम की बसों पर निर्भर यात्रियों को बसें नहीं चलने के कारण अपने कार्यस्थलों पर पहुंचने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
बुधवार आधी रात से हड़ताल शुरू होने के बाद से राज्य के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। हड़ताल की वजह से राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों में आयोजित होने वाली परिक्षाओं को स्थगित कर दिया गया है। कर्नाटक के कई हिस्सों में बस और ऑटोरिक्शा जैसे सार्वजनिक परिवहन की सेवाएं प्रभावित रहीं। बेंगलुरू, हुब्बल्ली, बेल्लारी, रायचूर और मैसूरू समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों से सार्वजनिक परिवहन की बसों पर पथराव की घटनाएं मिली हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि वह आवश्यकता के अनुसार बसों का परिचालन कर रहे हैं क्योंकि बस स्टैंड तक आने वाले यात्रियों की संख्या कम है। उन्होंने आगे कहा कि वह कर्मचारियों को ड्यूटी पर जाने और जनता के लिए बाधा नहीं खड़ी करने के लिए समझाने की भी कोशिश कर रहे हैं।