पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सधी प्रतिक्रिया दिखाई दी है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने झड़पों पर चिंता जताते हुए दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है। उधर, अमेरिका ने कहा है कि भारत-चीन पर हो रही घटनाओं पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। अमेरिकी मीडिया ने कहा है कि चीन की सेना ने भारतीय राष्ट्रवादी चीते को भड़का दिया है।
एलएसी पर हिंसा चिंताजनक- यूएन
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की प्रवक्ता एरी कैनेको ने कहा कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसा से हम चिंतित हैं। हम दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील करते हैं। अच्छी बात यह है कि दोनों पक्ष तनाव कम करने के लिए आपस में बातचीत कर रहे हैं। हिंसक झड़पों में भारत के 20 सैनिकों के मरने की पुष्टि हुई है। चीन में 43 सैनिकों के हताहत होने की रिपोर्ट हैं।
घटनाओं पर अमेरिका की नजर- विदेश विभाग
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि हम एलएसी पर स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं। भारत और चीन दोनों ने ही तनाव घटाने के लिए मंशा जताई है। हम मौजूदा स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। अमेरिका ने कहा कि भारत ने 20 सैनिकों के मारे जाने की घोषणा की है। हम मारे गए सैनिकों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो जून को फोन कॉल के जरिये भारत-चीन सीमा पर विचार विमर्श किया था।
चीन ने भारतीय चीते को भड़का दिया- मीडिया
अमेरिकी मीडिया ने कहा है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सीमा पर हिंसक टकराव करके भारतीय राष्ट्रवादी चीते को भड़का दिया है। वाशिंगटन एक्जामिनर में पत्रकार टॉम रोगन ने एक संपादकीय लेख में कहा कि पीएलए ने भारतीय चीते को भड़काया है। पीएम मोदी को ताकत राष्ट्रवादी मतदातों से मिलती है। मोदी में यह कुशलता है कि वे भारतीय राष्ट्रवादी भावनाओं को घरेलू मुद्दे से हटाकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दे की ओर मोड़ सकते हैं। पीएलए के साथ हाल की झड़पों के चलते मोदी के सामने अलग तरह की चुनौती आ गई है।