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विस्टा प्रोजेक्ट: रोक लगाने वाली याचिका खारिज के बाद बोले पुरी, "महामारी के पहले हुआ था इस पर फैसला, गढ़ी जा रही गलत कहानी"

केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को...
विस्टा प्रोजेक्ट: रोक लगाने वाली याचिका खारिज के बाद बोले पुरी,

केंद्र सरकार के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक लगाने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष पर तीखा वार किया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को लेकर गलत कहानी गढ़ी जा रही है। इस पर महामारी के बहुत पहले फैसला ले लिया गया था। संसद का नया भवन बनाना इसलिए जरूरी है क्योंकि पुराना भवन सेस्मिक ज़ोन 2 में आता था, अगर तेज भूंकप आए तो अब ये भवन सेस्मिक ज़ोन 4 में है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि जब 2012 में मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष थीं तो उनके एक ओडीएसडी थे जिन्होंने आवास मंत्रालय के सचिव को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि एक फैसला ले लिया गया है कि एक नई संसद भवन बननी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि आजादी के समय हमारी जनसंख्या 350 मिलियन के करीब थी। संसद भवन में हमें जगह की जरुरत होती है ताकि संसद सदस्य बैठ सकें। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से यह मांग की जा रही है। कुल खर्चा 1300 करोड़ रुपये के आसपास है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कहा जा रहा है 20,000 करोड़ रुपये मरामारी के दौरान खर्च कर रहे हैं ये वैक्सीनेशन कार्यक्रम में लगाईये। केंद्र ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित किया है। वैक्सीनेशन के लिए पैसे की कमी नहीं है, पर्याप्त पैसा है। वैक्सीन की उपलब्धता दूसरी बात है।

बता दें कि याचिकाकर्ता ने कोरोना महामारी को आधार बनाकर रोक लगाने की मांग याचिका में की थी। याचिका में कहा गया था कि 500 से ज्यादा मजदूर वहां काम कर रहे हैं जिससे वहां कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा है, लेकिन हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने याचिका खारिज कर यह फैसला सुनाया है।

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