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लॉकडाउन में जरूरी वस्तुओं को लेकर अफरा-तफरी, आपूर्ति नहीं सुधरी तो पैदा हो जाएगा संकट

देशभर में 21 दिन के शुरू हुए लॉकडाउन का पहला दिन काफी अफरा-तफरी भरा रहा है। एक तरफ जहां लोगों ने...
लॉकडाउन में जरूरी वस्तुओं को लेकर अफरा-तफरी, आपूर्ति नहीं सुधरी तो पैदा हो जाएगा संकट

देशभर में 21 दिन के शुरू हुए लॉकडाउन का पहला दिन काफी अफरा-तफरी भरा रहा है। एक तरफ जहां लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद घबराकर खरीदारी शुरू कर दी है। वहीं राज्य सरकारें भी ऐसी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं दिखी है। इसीलिए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में जरूरी वस्तुओं की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर दिखाई दे रहा है। यहीं नहीं कई जगहों पर दुकानदारों द्वारा मनमाने ढंग से दाम लेने के भी मामले सामने आए हैं। यहीं नहीं ऑनलाइन कंपनियों को भी सप्लाई की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी के मद्देनजर फ्लिपकार्ट ने जहां अपनी सारी सेवाएं अस्थायी तौर पर बंद कर दी हैं। वहीं अमेजॉन ने भी केवल जरूरी वस्तुओं की सप्लाई करने का फैसला किया है। इस तरह की शिकायतों पर उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने ट्वीट करते हुए कहा है कि सरकार सभी  चीजों पर नजर रखे हुए हैं और जरूरी वस्तुओं की सप्लाई में किसी तरह की कोई कमी नहीं आएगी।

लोगों को किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, इस पर आउटलुक टीम ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से जमीनी हकीकत जानने  की कोशिश की है..

दिल्ली में सप्लाई की कमी

बाहरी दिल्ली के गांव कुतुबगढ़ में परचून की दुकान चलाने वाले दुकानदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से आटा, मैदा, चावल, दलहन और खाद्य तेलों के साथ ही चीनी की सप्लाई पूरी तरह से रुक गई है, जबकि पैनिक खरीदारी होने के कारण दुकान में दालों के साथ ही चावल, खाद्य तेल और आटे आदि का स्टॉक समाप्त हो चुका है।

खरखौदा तहसील में परचून की दुकान चलाने वाले साहुल कुमार ने बताया कि चीनी के भाव बढ़कर 60 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, जोकि सप्ताह भर पहले 38 से 40 रुपये प्रति किलो थे। इसी तरह से सरसों तेल की आधा लीटर की बोतल का दाम 60 रुपये और एक लीटर की बोतल का भाव 110 रुपये हो गया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सभी जगहों पर सख्ती कर रखी है, जिस कारण दुकानदार भी बाजार से माल नहीं ला पा रहे हैं तथा जो पुराने माल थे वह अब समाप्त होते जा रहे हैं।

सब्जियों की आपूर्ति छोटी मंडियों में रुकी

दिल्ली की आजादपुर फल सब्जी मंडी के आढ़ती बलबीर सिंह भल्ला ने आउटलुक को बताया कि मंडी में सब्जियों की आवक तो हो रही है, लेकिन पड़ोसी राज्यों की छोटी मंडियों जैसे सोनीपत, पानीपत, मेरठ, सहारनपुर, अलवर या फिर पंजाब की लुधियाना, अबोहर आदि से खरीदार दिल्ली नहीं आ रहे हैं। इन राज्यों में लॉकडाउन के कारण पुलिस की सख्ती ज्यादा है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में भी पुलिस ने सख्ती कर रखी है, जिस कारण मंडी में लेबर या फिर मुनीम काम पर नहीं आ पा रहे हैं, इस नाते कारोबार पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।

पंजाब-हरियाणा

क्फर्यू में ढील न दिए जाने के कारण  बुधवार को राज्य के अधिकांश इलाकों में  रोजमर्रा की जरुरत की वस्तुओं दूध,सब्जियों तक की आपूर्ति ठप रही। दवाओं की दुकानें भी कई इलाकों में प्रशासन द्वारा खोलने दी गई। जालंधर में तो कुछ दवा दुकानदारों को पुलिस द्वारा पीटने का भी मामला सामने आया है। इधर हरियाणा के कुछ इलाकों में सुबह 8 से 11 बजे तक सब्जी मंडियां खुलने से लोगों की भीड़ सब्जी मंडियों में देखी गई। चंडीगढ़ में रसोई गैस सिलेंडर और दूध के लिए लंबी लाइनों में लगे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कर्फ्यू के दौरान ने जनता को खाने पीने की जरुरी वस्तुओं और दवाओं की आपूर्ति उनके घर द्वार पर ही कराए जाने का दावा पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिदंर सिंह ने किया था पर पिछले 17 घंटे से लोग घरों में बंद जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति का इंतजार कर रहे हैं। किराना, दूध, फल और सब्जियों जैसी ज़रूरी वस्तुओं को घर-घर पहुंचाने के लिए एसडीएम या इलाका मैजिस्ट्रेट द्वारा रेहड़ी वालों को क्फर्यू पास दोपहर तक जारी नहीं हो पाने की वजह से आपूर्ति ठप रही।

राज्य में लोगों के घरों तक जरुरी वस्तुओं की आपूर्ति तय करने के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी रवि भगत ने बताया कि बुधवार शाम तक दुकानदारों व रेहड़ी वालों को क्फर्यू पास जारी कर दिए जाएंगे जो सुबह 8 से 11 बजे तक खाने पीने के सामान की आपूर्ति घरों तक करेंगे। उन्होंने बताया कि क्फर्यू के दौरान किसी को भी वाहन चलाने की अनुमति नहीं है पर आपात के समय के लोग डाक्टर के पास पैदल जा सकते हैं।

यूपी में कई जगहों पर दवाओं की किल्लत

अस्पतालों में दवाएं और उपकरणों की कमी को लेकर सरकार की पोल तो तभी खुल गई थी जब राम मनोहर लोहिया इन्स्टीट्यूट की स्टाफ नर्स शशि सिंह ने एक वीडियो के जरिए सरकारी अस्पतालों में जरूरी एन 95 मास्क और पीपी किट की कमी का खुलासा कर दिया था। शशि ने उस वीडियो में कहा था कि असुरक्षा के बीच उन्हें कोरोना के संदिग्ध मरीजों का इलाज करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री ने मंगलवार ने ऐलान किया कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर अति आवश्यक मेडिकल कन्ज्यूमेबल तथा मेडिकल इक्यूपमेंट की खरीद के लिए समस्त जनपदों को 1,725 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं।

इस बीच अस्पताल से जुडे़ सूत्रों का कहना है कि कई जिलों में जरूरी दवाओं और सामग्रियों की खरीद दिसंबर के बाद से ही नहीं की गई। मेडिकल कॉरपोरेशन पर दवाओं और मेडिकल उपकरणों की खरीद का जिम्मेदारी है। लेकिन कॉरपोरेशन ने सर्जिकल सामानों के लिए आवंटित 225 करोड़ में से केवल 8 करोड़ रुपये की खरीदारी ही की है। सवाल यही है कि स्वास्थ्य महकमे की ये दिक्कतें कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ाई में कैसे कामयाब होंगी।

उधर, पूर्वांचल की दवा होलसेल मंडी वाराणसी और गोरखपुर से मिली जानकारी के अनुसार कि उनके पास स्टॉक खत्म होने लगा है। वहीं ट्रांसपोटेशन की दिक्कतों की वजह से अगले कुछ दिन में बड़ा संकट पैदा हो सकता है। वैसे लखनऊ के पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने अफ़सरों और जवानों को साफ संदेश दिया है कि खाद्य सामग्री और जरूरी सामान ले जा रहे वाहनों को न रोका जाए।

छत्तीसगढ़ में फिलहाल स्थिति सामान्य


लाकडाउन के पहले दिन छत्तीसगढ़ में राशन दुकानों में भारी भीड़ देखी गई। प्रशासन ने सुबह नौ  बजे से शाम पांच बजे तक दुकाने खोलने का आदेश दिया है , कुछ जिलों में सुबह नौ बजे से से तीन बजे तक ही अनुमति देने की भी खबर आ रही है।  आज यहाँ पर लोगों राशन और दूसरी जरुरी चीजे मिली।  लोगों को सुबह दूध और सब्जियां भी  मिलीं। कुछ लोग दूध और जरूरी सामान न मिलने की भी शिकायत करते दिखे।  छत्तीसगढ़ चैंबर आफ कामर्स के अध्यक्ष जीतेन्द्र बरलोटा का कहना है - फिलहाल स्टॉक की कमी नहीं है , लेकिन सप्लाई बाधित हुई तो समस्या आ सकती है। कुछ लोगों ने स्टाफ न होने के कारण दुकानें खोली और जल्दी बंद भी कर दिया।  दवाई की दुकाने  24  घंटे खुली रहेंगीं।   राज्य  में पुलिस ने अनावश्यक घूमने वालों के साथ सख्ती की। जगह -जगह  बेरिकेटिंग लगाकर सड़क पर आने-जाने वालों से पूछताछ की।  रायपुर पुलिस ने कल अनावश्यक घूमने वाले  कुछ लोगों को गिरफ्तार कर थाने ले गई  थी। रायपुर में एम्स के ओपीडी को पूरी तरह बंद कर दिया गया है।  यहाँ कोरोना मरीजों की जाँच और भर्ती की जा रही है। 

सरकार के सामने बड़ी चुनौती

पहले दिन जिस तरह जनता और प्रशासन के बीच अविश्वास का माहौल कई जगहों पर दिखा है। ऐसे में, केंद्र और राज्य सरकारों के लिए खासा जोर आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सामान्य रूप से करने पर होना चाहिए। क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो लॉकडाउन का पूरा मकसद ही विफल हो सकता है।

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