परीक्षा में चयनित अंसार हालांकि अब सरकारी सेवा में रहते हुए मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। गरीबी में पले बढ़े अंसार के घर में शिक्षा का कोई उचित माहौल नहीं था। महाराष्ट्र के सूखा प्रभावित मराठवाड़ा इलाके के जालना जिले के शेलगांव गांव के निवासी अंसार के पिता ऑटोड्राइवर हैं। उन्होंने तीन निकाह किए। पैसे को लेकर अंसार की मां के साथ अक्सर मारपीट भी की। उन्होंने दो बहनों की शादी 14 से 15 साल की उम्र में कर दी । ऐसी तंगहाली और मुश्किल भरे जीवन के बीच अंसार ने बेहतर नौकरी करने की ठानी और सफल हुए। गैरेज चलाने वाले भाई ने इनका बहुत सहयोग किया। अपनी सफलता का सारा श्रेय वह अपने भाई को देते हैं। फर्ग्युसन से पालिटिकल साइंस की पढ़ाई करने वाले अंसार कहते हैं कि वह गरीब, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग से आते हैं। सो वह गरीब और पिछड़ों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। अंसार पिछड़ा वर्ग से हैं। सो उनके मन में आईएएस की पोस्टिंग की चाह है।
यूपीएससी में सफल अंसार ने आखिर क्यों अपने लिए एक बार हिंदू नाम चुना
सिविल सर्विस परीक्षा में 361 वीं रैंक के साथ सफलता हासिल करने वाले मुस्िलम युवक अंसार अहमद शेख ने एक बार अपना नाम बदल कर शुभम रख लिया था। पुणे के फर्ग्युसन कालेज में पढ़ने आए अंसार ने ऐसा इसलिए किया था ताकि उसे कालेज हास्टल में रहने और खाने की उचित सुविधा मिल सके।
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