Advertisement

यूपी: बना नया किरायेदारी कानून, किराये में बढ़ोतरी से लेकर विवाद के लिए मानना होगा ये नियम

उत्तर प्रदेश सरकार ने ,यूपी का उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन 2021 को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है...
यूपी: बना नया किरायेदारी कानून, किराये में बढ़ोतरी से लेकर विवाद के लिए मानना होगा ये नियम

उत्तर प्रदेश सरकार ने ,यूपी का उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन 2021 को कैबिनेट से मंजूरी दे दी है ।इस अध्यादेश को अगर हम आसान शब्दों में समझना चाहें तो यह मुलतः मकान मालिक और किराएदार के बीच का करार है। जिसके तहत कोई भी विवाद अगर होता है तो उसको 60 दिनों में हल किया जाएगा और इसके लिए रेंट अथॉरिटी बनाई जाएगी। इस अध्यादेश का मतलब यह भी है कि मकान मालिक बगैर किसी अनुबन्ध के घर किराये पर नही दे सकेगा। इसके अगर कुछ खास बातों को ध्यान दें तो, अनुबंध मकान मालिक और किराएदार के बीच उसको रेंट प्राधिकरण के वेबसाइट पर डालना होगा। समय पर किराया देना होगा। मकान मालिक किराएदार को इसकी रसीद देनी पड़ेगी।

2 माह तक किराया न देने पर मकान मालिक, किराएदार को हटा सकेगा। मकान मालिक को किराएदार को जरूरी सेवाएं देनी होंगी। मकान मालिक किराएदार को अनुबंध अवधि में बेदखल नहीं कर सकता। किराएदार को घर की देखभाल करनी होगी बिना पूछे ।किसी भी तरीके का विवाद होगा तो रेंट प्राधिकरण पर जाएगा इसमें इस बात का भी जिक्र है कि सालाना किराया बढ़ाने का भी एक मानक तय है जो अभी की जानकारी के मुताबिक 5 से 7% साल बढ़ाया जा सकता है।

इस अध्यादेश के लाने के पीछे मकसद यह है कि ऐसे कितने मकान मालिक हैं जो अपने घरों को किराए पर देते हैं और साथ ही साथ जो किराएदार हैं उनका एक डाटा भी सरकार के पास इकट्ठा रहेगा ।इसके पीछे कि जो तर्क बताया जा रहे हैं कि अक्सर मकान मालिक और किराएदार के विवाद होने पर मामला कोर्ट में जाता है और सालों साल विवाद चलता है और किराए को लेकर के आए दिन शिकायतें भी आती रहती हैं इस तरह अब येे समस्या निपटाया जा सकेगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad