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2G घोटाला केस: CBI कोर्ट से राजा-कनिमोझी समेत सभी आरोपी बरी

टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में गुरुवार को  विशेष अदालत नेै पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा,...
2G घोटाला केस: CBI कोर्ट से राजा-कनिमोझी समेत सभी आरोपी बरी

टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में गुरुवार को  विशेष अदालत नेै पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और कई अन्य आरोपियों को बरी कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ पी सैनी यूपीए सरकार के समय हुए टू-जी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग अलग मामलों में आज फैसला सुनाया गया। 

 स्वान टेलीकॉम के प्रवर्तक शाहिद उस्मान बलवा, विनोद गोयनका और अन्य के वकील विजय अग्रवाल ने बताया,  "न्यायालय ने कहा कि अभियोजन अपने किसी भी आरोप को साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है। इस तरह सभी अभियुक्तों को बरी कर दिया गया।"

मामले में बरी किये गये अन्य लोग हैं- दूरसंचार विभाग के पूर्व सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर. के. चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम के प्रोमोटर्स शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनिटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चन्द्रा और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह (आरएडीएजी) के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर।

अदालत से आज बरी होने वाले अन्य लोग हैं- कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कलैग्नार टीवी के निदेशक शरद कुमार और बॉलीवुड फिल्म निर्माता करीम मोरानी।

इनके अलावा अदालत ने तीन कंपनियों स्वान टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड, रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड और यूनिटेक वायरलेस (तमिलनाडु) लिमिटेड को भी आरोपों से बरी कर दिया है। 

राजा ने कहा- फैसले से सभी खुश

पूर्व दूरसंचार मंत्री एवं द्रमुक नेता ए. राजा ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में आज आये विशेष अदालत के फैसले का स्वागत किया। कोर्ट से बाहर आते हुए राजा ने मीडिया से कहा, ‘मैं फैसला पढ़ने के बाद कुछ कहूंगा। आप देख रहे हैं, सभी खुश हैं।’ राजा उनके बरी होने की खुशी में जश्न मना रहे पार्टी कार्यकर्ताओं से घिरे हुए थे।

कनीमोई बोली, मिल गया न्याय 

द्रमुक सांसद कनीमोई ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामलों में उन्हें और अन्य को बरी करने स्पेशल कोर्ट के फैसले के बाद आज कहा कि न्याय मिल गया है। फैसला सुनाए जाने के बाद कनीमोई ने मीडिया से कहा, ‘मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं है और न्याय मिल गया है।’ 

-इस दौरान अदालत ने राजा, कनिमोझी और अन्य सहित सभी आरोपियों को फैसले के लिए गुरुवार उसके सामने उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।

- छह साल पहले 2011 में टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले माले की सुनवाई शुरू हुई थी।

-अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे।

-जो आरोप तय किये गये हैं उनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।

-सीबीआई द्वारा दायर पहले मामले में राजा और कनिमोझी के अलावा पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, राजा के पूर्व निजी सचिव आर के चंदोलिया, स्वान टेलीकॉम प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका, यूनीटेक लिमिटेड एमडी संजय चंद्रा और रियालंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के तीन शीर्ष कार्यकारी अधिकारी गौतम दोशी, सुरेंद्र पिपारा और हरि नायर आरोपी थे।

-टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले की बात सबसे पहले साल 2010 में सामने आयी थी। इस दौरान सीएजी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि राजा दूरसंचार मंत्री के दौरान जो टूजी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया था, उससे देश को 1 लाख 76 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था।

-2012 में सुप्रीम कोर्ट ने राजा के कार्यकाल के दौरान आवंटित किए गए टूजी स्पेक्ट्रम के सभी 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे।

-ए राजा और कनिमोझी अभी जमानत पर रिहा हैं। सीबीआई ने अप्रैल 2011 में अदालत में लगभग 80000 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी।

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