विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि अशोक सिंघल ने आज दोपहर 2 बजकर 24 मिनट पर अंतिम सांस ली। तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर उनके निधन की अफवाह फैली थी। पिछले महीने इलाहाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान सिंघल की तबियत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। रविवार को सिंघल की हालत में कुछ सुधार हुआ था। इस दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह और प्रवीण तोगड़िया उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे थे। इस दौरान सिंघल ने कहा था कि वह ठीक हैं और अभी तो अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनाना है। राइट लोअर लोब निमोनिया से पीड़ित होने के बाद वह 14 नवंबर की शाम से वेंटिलेटर पर थे।
आजीवन अविवाहित और आरएसएस प्रचारक रहे अशोक सिंघल ने राम मंदिर आंदोलन को राजनीतिक मुद्दा बनाने में अहम भूमिका निभाई। जिसका नतीजा 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस और भाजपा के उदय के तौर पर सामने आया। वह करीब 20 वर्षों तक विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से धातु विज्ञान इंजीनियरिंग में स्नातक सिंघल ने कारसेवा और देश भर में यात्राओं के जरिए उग्र हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाया। उन्होंने दुनिया भर में फैले हिंदुओं को भी लामबंद किया। विहिप के अभियानों में विदेशी समर्थकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अशोक सिंघल के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया, अशोक सिंघलजी का निधन गहरी निजी क्षति है। वह अपने आप में एक संस्था थे जिन्होंने आजीवन देश की सेवा की। उनका सौभाग्य है कि अशोकजी का उन्हें हमेशा आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिला। उन्होंने कहा, उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों को मेरी संवेदनाएं।
मिली जानकारी के अनुसार, सिंघल के पार्थिव शरीर को रात में मध्य दिल्ली में झंडेवालान में आरएसएस कार्यालय में लाया जाएगा। तोगड़िया ने बताया कि बुधवार दिन में तीन बजे तक वहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।
The demise of Ashok Singhal ji is a deep personal loss. He was an institution in himself, whose life was centred around serving the nation.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2015