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बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के नाम पर फर्जी योजनाओ के विरूद्ध चेतावनी

महिला एंव बाल विकास मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन का कोई प्रावधान नहीं है। मंत्रालय के संज्ञान में आया है कि कुछ अनधिकृत वेब साइट, संगठन, स्वंयसेवी संगठन और व्यक्ति बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत नकद प्रोत्साहन के नाम पर प्रपत्र वितरित कर रहे हैं।
बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ के नाम पर फर्जी योजनाओ के विरूद्ध चेतावनी

इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा व्यक्तिगत रूप से नकद हस्तांरण का कोई प्रावधान नही है। बेटी बचाओ-बेटी बढाओ योजना के तहत पूर्वाग्रह और सामाजिक प्रणाली में गहरी जड़ जमाए पितृसत्ता को चुनौती,पीसी एंड पीएनडीटी अधिनियम के कड़े पालन, बालिकाओ को प्रगामी शिक्षा, जीवन स्तर पर सतत महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह योजना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण(डीबीटी) योजना नहीं है।

मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि यदि आपके सामने ऐसी कोई घटना आती है तो तुंरत इसकी जानकारी निकट के पुलिस स्टेशन और संबंधित जिलाधिकारी को दे। कृपया ऐसी किसी योजना के जाल में न फंसे। इस संबध में अपनी व्यक्तिगत जानकारी सांझा न करें। इस संबंध में मेरठ और मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की जा चुकी हैं। इस घटना की जानकारी लखनऊ में भी मिली है। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस संबंध में प्रेस और जनसाधारण को 4.1.2017 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा चेताया था। इसके बाद भी कुछ गैरकानूनी व्यक्ति इस धोखाधड़ी में लिप्त हैं। यह बात फिर दोहराई जाती है कि इस प्रकार के प्रपत्रों का वितरण पूर्ण रूप से गैर कानूनी है और बेटी बचाओ-बेटी बढाओ योजना के साथ किसी भी प्रकार का नकद प्रोत्साहन संबधी प्रपत्र संलग्न नहीं है।

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