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कौन है सचिन वाजे जिन्हें एंटीलिया मामले में किया गया गिरफ्तार, अर्नब मामले से लेकर घाटकोपर विस्फोट तक रहे हैं चर्चित

मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला आवास 'एंटीलिया' के पास खड़ी एसयूवी में विस्फोटक मिलने के मामले में हर...
कौन है सचिन वाजे जिन्हें एंटीलिया मामले में किया गया गिरफ्तार, अर्नब मामले से लेकर घाटकोपर विस्फोट तक रहे हैं चर्चित

मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला आवास 'एंटीलिया' के पास खड़ी एसयूवी में विस्फोटक मिलने के मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। वहीं इस मामले में कथित भूमिका के लिए मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को 25 मार्च तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया गया है। आइए जानते  है आखिर कौन सचिन वाजे-

कौन है सचिन वाजे

-  49 वर्षीय सचिन वाजे मुंबई पुलिस विभाग में सहायक पुलिस निरीक्षक हैं।
- सचिन मुंबई पुलिस बल में मुठभेड़ विशेषज्ञों में से एक है।
- वह राज्य कैडर के 1990 बैच के अधिकारी हैं, जिन्हें 2004 में घाटकोपर विस्फोट मामले में संदिग्ध भूमिका को लेकर निलंबित कर दिया गया था।
- उन्हें पिछले साल 16 साल के लंबे अंतराल के बाद पुलिस बल में फिर से शामिल किया गया।
-सचिन वाजे ने उस टीम का नेतृत्व किया जिसने पिछले साल नवंबर में पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार किया था।
-जब वह निलंबित थे तब वह शिवसेना में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हाल ही में स्वीकार किया कि वाजे 2008 तक शिवसेना का सदस्य था।
- उन्हें 2003 में ख्वाजा यूनुस की कथित हिरासत में हत्या और सबूतों को नष्ट करने सहित कई आरोपों पर मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।

उन्हें कब और क्यों किया गया गिरफ्तार 

पुलिस के अनुसार सचिन को 25 फरवरी को अंबानी के बहुमंजिला आवास 'एंटीलिया' के पास खड़ी एसयूवी में जिलेटिन की छड़ें रखने में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया गया था और जब उनसे इस बारे में पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपनी भागीदारी स्वीकार की।

शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सचिन का बयान दर्ज करने के लिए उन्हें दक्षिण मुंबई के कुंभला हिल में स्थित अपने मुंबई कार्यालय में लगभग 11.30 बजे बुलाया। 12 घंटों की पूछताछ के बाद वाजे को एनआईए के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया।

अब तब हुई एंटीलिया मामले की जांच

दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को एक संदिग्ध स्कॉर्पियों में जिलेटिन की छड़े मिली थी। मिले सबूतों को फॉरेंसिक परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। एनआईए फिलहाल मामले की जांच कर रही है।

ठाणे स्थित व्यवसायी मनसुख हिरेन की रहस्यमय मौत के बाद अंबानी बम कांड का मामला एनआईए को सौंप दिया गया था। हिरेन ने दावा किया था कि वाहन एक हफ्ते पहले चोरी हो गया था। वहीं हिरेन का शव 5 मार्च को ठाणे के एक नाले में मिला था।

हिरेन की पत्नी ने दावा किया था कि उनके पति ने नवंबर में वाजे को एसयूवी दी थी, जिसे अधिकारी ने फरवरी के पहले हफ्ते में लौटा दिया था। हालांकि, एटीएस द्वारा अपने पूछताछ के दौरन वाजे ने उस एसयूवी का उपयोग करने से इनकार कर दिया था जो हिरेन के कब्जे में थी।

शिवसेना ने एनआईए पर "मुंबई पुलिस का अपमान" करने का आरोप क्यों लगाया

शिवसेना ने सोमवार को एंटीलिया मामले में एनआईए द्वारा मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी को महाराष्ट्र पुलिस का "अपमान" बताया, और आरोप लगाया कि यह जानबूझकर किया जा रहा था।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है, अगर इस मामले में वाजे दोषी था, तो मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) उसके खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ऐसा नहीं चाहती थी।

आरोप लगाया गया कि जब से वाजे ने अन्वय नाइक सुसाइड मामले में अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया था, तब से वह भाजपा और केंद्र की हिट-लिस्ट पर था। संपादकीय में आरोप लगाया गया कि एनआईए द्वारा वाजे की गिरफ्तारी राज्य पुलिस का अपमान है और यह जानबूझकर किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सच्चाई जल्द सामने आएगी।

संपादकीय में यह भी कहा गया कि राज्य सरकार ने विस्फोटक से भरे वाहन की बरामदगी और मनसुख हिरेन की मौत की जांच एटीएस को सौंप दी है, लेकिन, केंद्र सरकार ने विस्फोटक मामले में एनआईए की प्रतिनियुक्ति की।

इस बीच वाजे के वकील ने सभी दावों को खारिज कर दिया और कहा कि इस मामले में उनकी संलिप्तता का कोई ठोस सबूत नहीं है।

सचिन के बचाव पक्ष के वकील ने क्या कहा

वाजे के वकील सुदीप पासबोला ने कहा कि गिरफ्तारी केवल संदेह के आधार पर की गई है और उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।

पासबोला ने कहा कि अदालत ने वाजे को 25 मार्च तक के लिए रिमांड पर लिया, लेकिन मामले को सोमवार को आगे की सुनवाई के लिए रखा। अदालत ने एनआईए को यह दिखाने के लिए कहा है कि उसने क्या साक्ष्य एकत्र किए हैं और जांच का चरण क्या है।

एक अन्य बचाव पक्ष के वकील सनी पुनमिया ने अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया कि वाजे की गिरफ्तारी पूरी तरह से अवैध थी।

अदालत के सामने वकीलों का तर्क था कि आरोपी को केवल संदेह के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और प्राथमिकी में कोई भी प्रथम दृष्टया मामला स्थापित नहीं किया गया है। इसलिए यदि किसी आरोपी के खिलाफ प्राथमिकी में प्रथम दृष्टया मामला स्थापित नहीं किया जाता है, तो आरोपी की हिरासत और गिरफ्तारी स्वयं पूरी तरह से अवैध है। यहां तक कि आरोपी पर एक दिन का प्रतिबंध उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।

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