विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है, क्योंकि उसने पहलगाम आतंकवादी हमले से स्थिति को बिगाड़ा और भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिये केवल इसका जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक में पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) की भूमिका का जिक्र करने का विरोध किया, जबकि टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी पहले ही ले ली थी।
मिसरी ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तानी गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई से नागरिक प्रभावित हो रहे हैं।
संवाददाता सम्मेलन में विंग कमांडर व्योमिका सिंह और कर्नल सोफिया कुरैशी भी मिसरी के साथ थीं।
विदेश सचिव ने कहा, “वैश्विक आतंकवाद के केंद्र के रूप में पाकिस्तान की पहचान दुनिया भर में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों में निहित है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता आ रहा है।
मिसरी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में कहा कि भारत की बुधवार की कार्रवाई नपी-तुली थी और यह आतंकवादी बुनियादी ढांचे तक ही सीमित थी।
पहलगाम हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हवाई हमले किए। भारतीय बलों ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) का गढ़ कहलाने वाला बहावलपुर भी शामिल है।
रक्षा मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि पाकिस्तानी सेना ने बुधवार रात अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन इन प्रयासों को विफल कर दिया गया और लाहौर में एक पाकिस्तानी वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया गया।
मिसरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के मुद्दे पर वर्षों से जानबूझकर अड़चनें पैदा कर रहा था।