प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंदौर स्थित शहरी गीले कचरे से बायो-सीएनजी बनाने के एशिया के सबसे बड़े गोबर-धन प्लांट का लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम ने कई बड़ी घोषणाएं करते हुए कहा कि अगले दो साल में 75 बड़े शहरों में इस प्रकार के बायो सीएनजी प्लांट बनाए जाएंगे।
पीएम ने इंदौरवासियों को बधाई देते हुए कहा, "आज का दिन स्वच्छता के लिए इंदौर के अभियान को एक नई ताकत देने वाला है। इंदौर को आज गीले कचरे से बायो गैस बनाने का जो प्लांट मिला है, उसके लिए मैं आप सभी को बहुत बहुत बधाई देता हूं।"
उन्होंने कहा कि शहर में घरों से निकला गीला कचरा हो, गांव में पशुओं-खेतों से मिला कचरा हो, ये सब एक तरह से गोबरधन ही है। शहर के कचरे और पशुधन से गोबरधन, फिर गोबरधन से स्वच्छ ईंधन, फिर स्वच्छ ईंधन से ऊर्जाधन, ये श्रंखला, जीवनधन का निर्माण करती है।
पीएम ने आने वाले समय की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए कहा कि अगले दो वर्षों में देश के 75 बड़े नगर निकायों में इस प्रकार के गोबरधन बायो सीएनजी प्लांट बनाने पर काम किया जा रहा है। ये अभियान भारत के शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बहुत मदद करेगा।
आने वाले दो वर्षों में देश के 75 बड़े नगर निकायों में इस प्रकार के गोबरधन बायो CNG प्लांट बनाने पर काम किया जा रहा है। ये अभियान भारत के शहरों को स्वच्छ बनाने, प्रदूषण रहित बनाने, स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में बहुत मदद करेगा: PM मोदी pic.twitter.com/3Isy7ImmDz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 19, 2022
नरेंद्र मोदी ने आगे कहा कि देशभर के शहरों में लाखों टन कूड़ा, दशकों से ऐसी ही हजारों एकड़ ज़मीन घेरे हुए है। ये शहरों के लिए वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण से होने वाली बीमारियों की भी बड़ी वजह है। इसलिए स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में इस समस्या से निपटने के लिए काम किया जा रहा है।
पीएम ने शहर की सफाई पर बोलते हुए कहा कि कितने ही लोग तो इंदौर इसलिए आते है कि वो देख सकें, यहां सफाई में क्या काम हुआ है। जहां स्वच्छता होती है, पर्यटन होता है। पूरी नई अर्थव्यवस्था चल पड़ती है। हाल ही में इंदौर ने वाटर प्लस होने की उपलब्धि हासिल की है। यह अन्य शहरों को दिशा देने का काम करेगा। आपको बता दें कि नवाचारों को लेकर इंदौर बीते 5 सालों से स्वच्छ सर्वेक्षण में नंबर 1 के ताज पर काबिज है।
आपको बता दें कि यह प्लांट पूरे एशिया महाद्वीप में ऑर्गेनिक वेस्ट से बायो बायो सीएनजी का सबसे बड़ा और देश का पहला प्लांट है। यहां हर दिन 550 मीट्रिक टन गीले कटरे का निपटान होगा। ये बायो सीएनजी प्लांट पीपीपी मॉडल पर आधारित है। इस प्लांट की स्थापना पर जहां एक ओर नगर निगम, इन्दौर को कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्लांट को स्थापित करने वाली एजेंसी IEISN नई दिल्ली द्वारा नगर निगम, इन्दौर को हर साल ढाई करोड़ रुपये प्रीमियम के रूप में दिये जायेंगे।