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कैशलेस सोसायटी : 2014 के बाद अब तक 250 दिन देेश इंटरनेट से वंचित रहा

नोटबंदी का निर्णय लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी कैशलेस सिस्‍टम की जोरदार ढंग से वकालत कर रहे हैं। लेकिन इंटरनेट सेवा को बंद करने या बाधा पहुंचने से पीएम मोदी की यह सोच कारगर ढंग से सफल नहीं हाेे सकती। बिना इंटरनेट के आप कैशलेस सोसायटी की कल्‍पना तक नहीं कर सकते। 2014 के बाद देश के विभिन्‍न इलाकों में 250 दिन इंटरनेट सेवा बाधित रही। इस साल करीब 200 दिन मोबाइल इंटरनेट कनेक्टिविटी में परेशानी आई। पिछले साल करीब 30 दिन इंटरनेट सेवा ठप्‍प रही।
कैशलेस सोसायटी : 2014 के बाद अब तक 250 दिन देेश इंटरनेट से वंचित रहा

2016 में अब तक सबसे ज्‍यादा अवधि तक इंटरनेट सेवा जम्‍मू कश्‍मीर में ठप्‍प रही। जो देश में सभी तरह के नेटवर्क में बाधा का करीब 60 फीसदी रही। बुरहान वानी की मौत के बाद हुई हिंसा और अलगाव की घटना के दौरान घाटी में लगातार 133 दिन इंटरनेट सेवा ठप्‍प रही। मोबाइल में भी इंटरनेट सेवा बंद रही। 2014 में भी अफजल गुरु की फांसी की प्रथम वर्षगांठ के बाद दो दिन सेवा बाधित रही। इसके अलावा एक बार और सेवा ठप्‍प रही। 2015 में कश्‍मीर में पांच बार सेवा बाधित रही।

2016 में हरियाणा में तीन बार इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। इनमें जाट आंदोलन के दौरान सबसे ज्‍यादा बार सेवा ठप्‍प रही। 2016 मेंं यूूपी में दो बार तथा बिहार में भी थोड़े दिनों तक सेवा में असर पड़ा। इस साल अरुणाचल में एक बार, झारखंड में एक बार राजस्‍थान में तीन बार, गुजरात में तीन बार, महाराष्‍ट्र में एक बार सेवा ठप्‍प रही। 2014 में गुजरात में एक बार, 2015 में पांच बार तथा 2016 में तीन बार सेवा ठप्‍प रही।

राजस्‍थान में 2015 में दो बार सेवा बंद रही। इसी तरह 2015 में मेघालय, नागालैंड और मणिपुर में एक-एक बार इंटनेट सेवा ठप्‍प रही। देश में हिंसा और अन्‍य ग‍तिविधियों के चलते इंटरनेट सेवा के ठप्‍प होने से कैशलेस कारोबार पर व्‍यापक असर पड़ने की आशंका व्‍यक्‍त की गई है। 

देश की जनसंख्‍या वर्तमान में 125 करोड़ है। जहां 34 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं। 2020 तक देश में 60 करोड़ इंटरनेट उपभोक्‍त होने की उम्‍मीद है। देश में इंटरनेट पेनेट्रेशन की सीमा 27 फीसदी है। चीन में यह आंकड़ा करीब 50 फीसदी है। देश में 24 करोड़ स्‍मार्ट फोन उपभोक्‍ता हैं। 2020 में इनकी संख्‍या करीब 52 करोड़ होने की उम्‍मीद है।     

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