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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 3 साल में 5200 एक्सीडेंट, रोकने के लिए सरकार कर रही है यह खास काम

आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस वे आने जाने के खतरे और डरने ने लोगो ने इस से आने और जाने की बजाये दूरी बनानी शुरु...
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर 3 साल में 5200 एक्सीडेंट, रोकने के लिए सरकार कर रही है यह खास काम

आगरा से लखनऊ एक्सप्रेस वे आने जाने के खतरे और डरने ने लोगो ने इस से आने और जाने की बजाये दूरी बनानी शुरु कर दी थी ,पर अब सुरक्षा के ऐसे उपाय किया की गाडिया फिर रफ्तार पकड़ने लगी।यूपीडा ने दुर्घटनाओं को गंभीरता से लिया और उठाने शुरू किए कदम जिससे दुर्घटनाओं में आए कमी और ऐसा नजर भी आने लगा।

आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे की लंबाई 300 किलोमीटर की है यह 6 लेन एक्सप्रेसवे है उसके दोनों ओर सर्विस रोड भी है इस एक्सप्रेस वे से आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, कानपुर नगर उन्नाव और लखनऊ को जोड़ता है और अपने आधुनिक तकनीकी advanced traffic management system लागू किया ।

एक आंकड़े के मुताबिक अगस्त 2017 से लेकर अगस्त 2020 तक की अगर बात करें तो 5200 इस पर एक्सीडेंट हो चुके हैं उसमें लगभग 1500  गंभीर दुर्घटना हुई है और यही वजह है कि दुर्घटनाओं के इन आंकड़ों को लेकर सरकार ने कदम उठाना शुरू किया। यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने सबसे पहले इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया ।

दुर्घटना के बाद जो सबसे महत्वपूर्ण होता है घायलों को अस्पताल तक पहुंचाना इस पूरे एक्सप्रेस वे पर कुछ-कुछ किलोमीटर पर कनेक्टिंग हॉस्पिटल सीएससी इन सब को जोड़ा गया और उस लिहाज से देखें 18 अस्पतालों को कनेक्ट किया है , इस एक्सप्रेस-वे पर 10 एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहती है और इन एंबुलेंस में लाइव एडवांस सपोर्ट सिस्टम की सुविधा है ऐसे हादसे ना हो इसके लिए जरूरी है कि एक्सप्रेस-वे पर यह सुविधाएं हो जो हादसों को रोके और इसको लेकर के अवनीश अवस्थी बताते हैं कि यूपीडा  तरफ से जो कदम उठाए गए 15 ईगल, 10 पेट्रोलिंग वाहन 24 घंटे सुरक्षा के लिहाज से लगे रहते हैं। 200 सुरक्षाकर्मी पारी के अनुसार गस्त करते हैं। एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा व्यवस्था को पांच अलग-अलग पैकेज में बांटा गया है और साथ ही यूपी पुलिस का डायल 112 कि 27 वाहन को भी इस पर व्यस्त पर लगाया गया है ।

दुर्घटनाएं ना हो और दुर्घटनाओं से एक्सप्रेस वे में कमी आए इसके लिए स्पीड लिमिट तय की गई है बड़े वाहन 80 किलोमीटर प्रति घंटा और छोटे वाहन 100 किलोमीटर प्रति घंटा से ऊपर ना चले टायर फटने की चेतावनी भी दी जाती है और पूरे एक्सप्रेस पर में रेट्रोरिफ्लेक्टिव बोर्ड स्पीड को लेकर के और टायर फटने की चेतावनी को लेकर के लगाए गए हैं कुल मिलाकर एक्सप्रेस वे पर हर वह टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है जिससे स्पीड ,कोहरे की वजह से इस एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाएं  रोकी जाए 302 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस-वे पर 50 सीसीटीवी लगे हैं ,स्पीडोमीटर के 10 कैमरे लगे हैं ATCC  के 36 कैमरे लगे हैं और इमरजेंसी कॉल बॉक्स के 6 बॉक्स लगे हैं और दुर्भाग्यपूर्ण अगर कोई हादसा हो भी जाए तो 4 से 11 मिनट के अंदर मेडिकल फैसिलिटी और सेफ्टी के लिहाज से दुर्घटनास्थल पर तुरंत मिलेंगे। नवम्बर 2020मे कुल ऐक्सीडेंट 164 हुये और ट्राफीक 30हजार के करीब रहा यूपीडा को लगता है तस्वीर सुधर रही है। और नये तकनीक और सुरक्षा के मानको का असर दिख रहा है।

 

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