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फ्लाइट लेफ्टिनेंट के माता-पिता का आरोप, वायुसेना ने अब तक नहीं दी सटीक सूचना

वायुसेना की ओर से लापरवाही और संचार के अभाव का आरोप लगाते हुए फ्लाइट लेफ्टिनेंट कुणाल बारपत्ते के माता-पिता ने आज कहा कि वायुसेना ने तलाश अभियानों के बारे में सटीक स्थिति की सूचना नहीं दी है।
फ्लाइट लेफ्टिनेंट के माता-पिता का आरोप, वायुसेना ने अब तक नहीं दी सटीक सूचना

कुणाल बारपत्ते उस एएन 32 विमान में सवार थे जो 28 अन्य लोगों के साथ 22 जुलाई को चेन्नई तट के पास लापता हो गया था। उनके पिता राजेंद्र ने आज पुणे में बताया कि चालक दल के छह सदस्यों और 23 रक्षा कर्मियों के साथ विमान को लापता हुए अब 100 दिन से अधिक हो गए हैं। वायुसेना सटीक स्थिति और तलाश अभियान के बारे में ब्योरा नहीं मुहैया करा रहा है। कुणाल विमान पर नेविगेटर थे। उनके पिता ने उनकी मां विद्या की मौजूदगी में कहा, कुणाल के माता-पिता होने के नाते हमें लगता है कि यह वायुसेना की मुख्य जिम्मेदारी है कि वह लापता विमान से जुड़े पीड़ित परिवारों को तथ्यात्मक सूचना उपलब्ध कराएं। राजेंद्र ने बताया कि हाल ही में उन्हें नई दिल्ली स्थित वायुसेना मुख्यालय के असिस्टेंट चीफ ऑफ स्टाफ से यह पत्र मिला जिसके जरिये मौत हो जाने की परिकल्पना के लिए सहमति मांगी गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि वायुसेना लापरवाही बरत रही है और इस विषय में संचार का अभाव है।

राजेंद्र ने बताया कि वायुसेना ने लापता चालक दल के सभी परिवारों के सदस्यों के लिए एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया था। लेकिन उन्होंने इसे बंद कर दिया। कुणाल के माता-पिता ने आरोप लगाया कि दुख की बात है कि कोई नई सूचना नहीं है। अधिकारियों ने तलाश अभियान को खत्म कर दिया है जबकि मलबा अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि उनकी मूल मांग यह है कि यदि वायुसेना के पास विमान का पता लगाने की विशेषज्ञता नहीं है तो आपको विदेशों से मदद मांगनी चाहिए। कुणाल के पिता ने आरोप लगाया कि विमान के बारे में पूछे गए कई सवालों का जवाब नहीं मिला है। उन्होंने दावा किया कि एक सूत्र ने स्पष्ट किया कि एएन 32 के एक बेड़े में वे विशेषताएं नहीं थीं जो नौसेना और तट रक्षक के विमानों में हुआ करती हैं क्योंकि एएन 32 प्राथमिक रूप से मरीन या मरीन विमान नहीं था। उन्होंने एएन 32 विमान के इस्तेमाल को रोकने की मांग की ताकि वायुसेना कर्मियों की जान बचाई जा सके और राष्ट्रीय संपत्ति की बर्बादी रोकी जा सके।

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