दादा अपनी पोती का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पोती ने ऐसी कोई बात नहीं की जो देश के खिलाफ हो। उनकी पोती सिर्फ 21 साल की है और लोग जाने क्या-क्या बहस कर रहे हैं। सांसद और मंत्री तक उसके खिलाफ आ गए। ये देशद्रोह का काम है। मुझे अपनी पोती की चिंता नहीं है। अधिक से अधिक वे इसे मार ही डालेंगे।
उन्होंने कहा कि पहले भी अपना बेटा करगिल युद्ध के दौरान खो चुका हूं। मुझमें अब खौफ नहीं है।
मेरा मानना है कि काम सही होना चाहिए चाहे वह कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की। उन्होंने कहा कि जब से भाजपा ने सर्जिकल स्ट्राइक की है तबसे कितने जवान शहीद हुए हैं। क्या ये एक के बदले दस सिर लाए हैं। कहा कि मैं चाहता हूं कि सब कुछ शांत हो जाए। विश्वविद्यालयों में जो झगड़े हो रहे हैं, वे नहीं होने चाहिए।