नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की दिल्ली इकाइ ने चार छात्रों को मादक पदार्थों के मामले में गिरफ्तार किया है। इसमें दो डीयू के हिंदू कालेज, एक जेएनयू और एक एमिटी यूनिवर्सिटी का छात्र है। उनके पास से 1.140 किलो मादक पदार्थ और तीन एलएसडी ब्लोट पेपर जब्त किए हैं। आने वाले नए साल के समारोह के लिए इन्हें कूरियर से जयपुर भेजा जाना था।
पिछले कुछ महीनों से नारकोटिक्स की दिल्ली इकाइ को सूचना मिल रही थी कि डीयू, जेएनयू और एमिटी जैसी नामचीन यूनीवर्सिटी में मादक पदार्थों का इस्तेमाल हो रहा है लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं थी। ब्यूरो की डीजी रीना मित्रा ने विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों में मादक पदार्थों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताते हुए दिल्ली इकाइ को इस पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा।
डिप्टी डायरेक्टर जनरल एस के झा के मुताबिक, इस पर दिल्ली इकाइ को पता चला कि आने वाले नए साल के समारोहों के लिए डीटीडीसी कूरियर के जरिए तीन एलएसडी ब्लोट जयपुर भेज दिए जाएंगे। एनसीबी दिल्ली की टीम विजय नगर में डीटीडीसी दफ्तर पहुंची और तीन एलएसडी ब्लोट को जब्त किया। इसके बाद ब्यूरो ने कार्रवाई जारी रखते हुए 1.18 किलो मादक पदार्थ गौरव कुमार और तीन अन्य व्यक्ति से बरामद किया गया। जिन और तीन लोगों को गिरफ्तार किया उनके नाम सैम मलिक, अनिरुद्ध माथुर और तेनेज़िन फुनोग हैं। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, एमिटी यूनिवर्सिटी और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज के छात्र हैं।
पूछताछ में हिंदू कालेज के गौरव कुमार ने बताया कि नॉर्थ कैंपस के आसपास मादक पदार्थों का धंधा करता है। चरस उसे हिमाचल प्रदेश के नीलचंद से मिलती थी और तब इसे अन्य छात्रों को बेचता था। जेएनयू के सैम मलिक से उसे पार्सल मिला। गौरव कुमार अनिरुद्ध और तेनेजिन फुनोग के साथ 24 दिसंबर को हिमाचल गया था और वहां छोज गांव में ठहरे थे जो नीलचंद का घर है। मादक पदार्थों की इस तस्करी का सरगना नीलचंद है जो हिमाचल से ही धंधा चलाता है और वहां आसपास के गांव कालगा, कैरगंगा, मलाना आदि में भी चरस देता था।