बिहार के माेकामा में फसलों की बर्बादी के बाद किसानोंं की मांग पर 250 नीलगायों को मारने के बाद मेनका गांधी नाराज बताई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि अधिकांश राज्यों में जानवरों को मारने पर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। हमने आरटीआई के जरिए पता लगाया है कि किसी भी राज्य ने खुद जानवरों को मारने की मंजूरी नहीं मांगी है। पर्यावरण मंत्री खुद सक्रिय होकर जानवरों के पीछे पड़े हैं। मेनका ने कहा कि अब कोई जानवर नहीं छूटा। चांदपुर में 53 जंगली सुअर मारे हैं। अभी और 50 की इजाजत दी है। इस घटना के लिए पर्यावरण मंत्रालय जिम्मेदार है।
इधर पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कानून के आधार पर किसान की फसल का नुकसान होता है और राज्य सरकार प्रस्ताव देती है, तो हम राज्य सरकार को जानवरों को मारने की मंजूरी देते हैं। ये केंद्र सरकार का नहीं राज्य सरकार का काम है। इसके लिए पहले से ही कानून बना हुआ है। बिहार में फसल बर्बादी के बाद किसानों ने नील गायों को मारने की मांग की थी।