बांग्लादेश की सरकार ने डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए भारत सरकार को बताया है कि कम से कम 11 संदिग्ध लोग सीमा पार कर भारत में घुसपैठ कर छुपने की तैयारी में हैं। जमात-उल- मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेयूएमबी) के ये नेता ढाका के आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं में शुमार माने जा रहे हैं। बांग्लादेश की आतंकवाद एवं अंतराष्ट्रीय अपराध दमन शाखा की जांच के बाद मिले तथ्यों को भारत सरकार को भेजा गया है। बांग्लादेशी सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियां भारत की नेशनल इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआईए) के संपर्क में हैं। एनआईए को वहां से संदेहास्पद लोगों के स्केच भी भेजे गए हैं। ढाका के कैफे से पकड़े गए आतंकी के पूछताछ के आधार पर स्केच तैयार कराए गए हैं।
सुरक्षा एजेंसियों इस बिंदु पर भी काम कर रही हैं कि क्या ये 11 लोग ढाका के कैफे पर हमले के पहले ही भारत में घुस आए होंगे? भारत सरकार जल्द ही एनआईए की एक जांच टीम ढाका भेजने की तैयारी में है। इससे पहले बंगाल के बर्दवान के खगड़ागढ़ इलाके में हुए विस्फोट की जांच के सिलसिले में टीम बांग्लादेश भेजी गई थी। 11 संदेहास्पद लोगों के स्केच मिलने के आलावा दो तथ्य ऐसे सामने आए हैं, जिनको लेकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। एक तो यह कि ढाका के कैफे में आतंकियों ने जो ग्रेनेड विस्फोट किए, वे खगड़ागढ़ में तैयार कर भेजे गए थे। दूसरा, मारे गए आतंकियों में से पांच नियमित रूप से बंगाल, असम, हैदराबाद, बंगलुरू और चेन्नई के कुछ लोगों के साथ ट्विटर पर संपर्क में थे।
बांग्लादेश सरकार की ओर से मिली सूचनाओं के आधार पर भारतीय सुरक्षा एवं खुफिया एजेंसियों की गतिविधियों की मॉनिटरिंग शीर्षस्थ स्तर पर की जा रही है। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा मामलों पर केंद्रीय कैबिनेट के साथ कई दौर की बैठकों के बाद भारत के सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल बांग्लादेशी सरकार के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। भारतीय एजेंसियां ढाका कांड को अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में देख रही हैं कि बांग्लादेशी जेयूएम-बी की पीठ पर किसका हाथ हो सकता है। आईएसआईएस एवं अल-कायदा के साथ बांग्लादेश एवं भारत में किन-किन आतंकी माड्यूल्स ने संपर्क रखा हुआ है, उनकी पहचान के लिए दोनों देशों की एजेंसियां समन्वय कर रही हैं।