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कैसे हुई सुनंदा की मौत?

सुनंदा पुष्कर की संदिज्ध मौत का राज गहराता जा रहा है। लेकिन उससे भी बड़ा राज यह है कि आखिर पुलिस विभाग के अधिकारी इस मामले में सही तथ्य क्यों नहीं दे पा रहे हैं। एक साल पुराने इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि पुलिस अभी पूछताछ के अलावा किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है और मामले को संदिज्ध ही बताया जा रहा है।
कैसे हुई सुनंदा की मौत?

आउटलुक ने अपनी पड़ताल में पाया कि सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में पुलिस की भूमिका भी संदिज्घ रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक सुनंदा मामले में पुलिस के आला अधिकारी विवेक गोगिया ने दक्षिण जिला के तत्कालीन डीसीपी बीएस जायसवाल व एडिशनल डीसीपी प्रमोद कुशवाहा को घटना के दूसरे दिन 18 जनवरी 2014 को ही जांच से बाहर कर दिया था। उन्हें मौखिक तौर पर मना भी कर दिया था कि वे मामले से जुड़े तथ्यों का कहीं भी जिक्र न करें। सूत्रों के मुताबिक 17 जनवरी 2014 को जिस वक्त सुनंदा पुष्कर का शव मिलने की सूचना पुलिस को मिली, उसी वक्त पूरे जिले की पुलिस को मौके पर बुला लिया गया। कई इंस्पेक्टरों को निर्देश दिया गया कि होटल परिसर तक मीडिया का कोई व्यक्ति न पहुंचने पाए। विवेक गोगिया ने जांच की जिम्मेदारी खुद ही संभाल रखी थी और तत्कालीन एसीपी सुरेंद्र शर्मा को अपने साथ रखा। पोस्टमार्टम करने वाले एम्स के फॉरेंसिक विभाग के डॉक्टरों ने 30 सितंबर 2014 को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। जिसमें यह तो कहा गया कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है लेकिन जहर कौन सा था इस विषय पर मेडिकल बोर्ड ने अपना विचार सुरक्षित रख लिया और पुलिस से कुछ विषयों पर जांच करके रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा। पुलिस ने जांच के बाद मौत से संबंधित कागजात तो सौंप दिया लेकिन सुनंदा के शरीर पर मिले जख्मों के निशान के बारे में पुलिस कोई रिपोर्ट नहीं सौंप सकी। पुलिस पूछताछ में जुटी हुई लेकिन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। सूत्रों के मुताबिक सुनंदा मामले में पुलिस की ओर से ढिलाई बरती गई है। क्योंकि हत्या का मुकदमा भी देर से दर्ज किया गया। 

पुलिस ने अब जांच में तेजी लाते हुए लोगों से पूछताछ का सिलसिला तो शुरू किया है लेकिन किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी का कहना है कि शशि थरूर से इस मामले में पूछताछ हो गई है अगर जरूरत पड़ी तो दोबारा पूछताछ हो सकती है। विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने थरूर से घटना की पृष्ठभूमि व घटना के बारे में हाल ही में पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक चार घंटों की चली पूछताछ के दौरान थरूर ने कई ऐसी जानकारियां दी हैं जिससे पुलिस ने सुनंदा हत्याकांड की जांच की मूल रूपरेखा तैयार कर ली है। पूछताछ में एसआईटी ने सुनंदा से उनके आपसी संबंध और 14 से 17 जनवरी 2014 के घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी ली। इन जानकारियों में सबसे अहम जानकारी 14 जनवरी 2014 से 17 जनवरी तक के बदलते हालात के बारे में थी। पूछताछ के दौरान थरूर कई बार असहज हुए मगर सिलसिलेवार ढंग से उन्होंने कई ऐसी जानकारियां दीं जिससे इस मामले में नए एंगल जोड़ दिए हैं। पुलिस ने यह भी जानना चाहा कि घर की बजाय होटल में सुनंदा को क्यों रह रही थी। सूत्र बताते हैं कि जांच टीम का सदस्य नहीं होने के बावजूद पूछताछ में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विवेक गोगिया भी मौजूद थे। गोगिया पोंटी चड्डïा और जेसिका लाल हत्याकांड में जांच टीम में शामिल रहे हैं। पुलिस इस मामले में कई लोगों से पूछताछ कर रही है। सुनंदा के करीबी पत्रकारों के अलावा सुनंदा से मिलने वालों से भी पूछताछ जारी है। इस बीच भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शशि थरूर से मुलाकात कर कई अटकलों को जन्म दे दिया। हालांकि इस मुलाकात की वरुण ने वजह भी बताई है। वरुण ने ट्वीट कर कहा, मुझे शशि थरूर से विदेशी मामलों की कमेटी के संबंध में मिलने को कहा गया था। मैं वहां 10 मिनट रहा और फिर चला गया। लेकिन सवाल यह है कि ऐसे समय में मिलने जाना जब पुलिस थरूर से पूछताछ कर रही हो। थरूर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा को लेकर चर्चा में रहे हैं। इसे लेकर कांग्रेस आलाकमान भी उनसे खफा है और उन्हें प्रवक्ता पद से हटा चुका है। खुद प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान के लिए भी नामांकित किया था। ऐसे में जांच पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतनी देरी क्यों हो रही है।

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