सदन में मुलायम सिंह यादव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब मैंने और अखिलेश यादव :उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्राी: उनसे शेर मांगे थे। हमने उनसे जितने शेर मांगे, उतने शेर उन्होंने दे दिये। इसके लिए मैं मोदी साहब को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि इटावा में उद्यान में शेरों के लिए उत्तम डाॅॅक्टर से लेकर सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करायी गई। अब हमारे दो शेर मर गए। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि यह गंभीर विषय है। हमारे शेर मर गए। मेरा निवेदन है कि आप अच्छे डाॅॅक्टर उपलब्ध करा दीजिए। इस बात की जांच भी करा दें कि शेर क्यों मरे।
उन्होंने कहा, कृपया जांच करा दें। हमारी तरफ से भी अगर गलती हुई है तब हम सुधार करेंगे। पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने कहा कि मुलायम सिंह जी के प्रति उनके मन में काफी श्रद्धा है। लोहिया के सोच के आज वह वाहक हैं। उन्होंने जो विषय उठाया है, वह गंभीरता से उठाया है। उन्होंने कहा कि दो शेरों की मौत की जांच करायेंगे। यह भी देखना होगा कि शेरों की मौत कितने समय पहले हुई है। क्योंकि अगर समय काफी हो गया होगा, तब विसरा से पता लगाना कठित होता है। कुछ निश्चित परिस्थिति के बाद चीजे बदल जाती हैं।
उल्लेखनीय है कि नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री कार्यकाल में गुजरात की ओर से उत्तर प्रदेश को शेर भेंट किये गये थे। साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान यह विषय सुर्खियों में रहा था, जब मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर चुटकी लेते हुए कहा था कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री, गुजरात सरकार द्वारा भेंट किये गए शेरों को ठीक ढंग से नहीं रख पाते हैं। उत्तरप्रदेश सरकार को इसकी बजाए अमूल मांगना चाहिए था। इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि गुजरात से शेर मुफ्त में नहीं दिये गए थे बल्कि इसके बदले हमने गुजरात को लक्कड़बग्धा भेंट किया था।
प्रश्नकाल के दौरान ही ज्यातिरादित्य सिंधिया ने गुजरात के गिर से मध्यप्रदेश के कुनोपालपुर में 40 शेरों को स्थानांतरित करने के विषय पर पर्यावरण मंत्राी से जवाब चाहा। लेकिन दवे ने कहा कि सदस्य का प्रश्न मूल प्रश्न की परिधि से बाहर है। हालांकि सिंधिया ने कहा कि यह केवल गुजरात की अस्मिता का ही नहीं बल्कि देश की अस्मिता का विषय है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने भी इस विचार का विरोध किया था लेकिन आज वे प्रधानमंत्री हैं और वह देश की अस्मिता के बारे में सोचेंगे। मंत्री से अपने प्रश्न का जवाब नहीं मिलने पर सिंधिया अपने स्थान पर खड़े होकर यह दोहराते रहे कि शेरों का क्या हुआ। गुजरात से भाजपा के कुछ सांसद सिंधिया का विरोध करते देखे गए। भाषा एजेंसी